सड़क के कुत्ते की इज्जत है लेकिन मुसलमान की नहीं, खुली जेल में जिंदगी काट रहे हम: असदुद्दीन ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को लेकर केंद्र सरकार पर फिर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां मुसलमान खुली जेल में जिंदगी काट रहा है। ओवैसी ने कहा, ‘देख लीजिए कि देश में क्या हो रहा है। उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है। जहां-जहां भाजपा की सरकार है वहां मुसलमान खुली जेल में जिंदगी काट रहा है। मदरसों को गिराया जा रहा है।’
ओवैसी ने कहा, ‘गुजरात में क्या हुआ बताइए। कहा गया कि मुसलमानों ने डांडिया में पत्थर फेंके। पुलिस ने मुस्लिम नौजवानों की पकड़ा और उन्हें बीच रास्ते पर लेकर आए। इन लोगों को एक खंभे से बांध दिया गया। वहां पर 300-400 लोग खड़े थे। पुलिसकर्मी जैसे ही मुसलमान की पीठ पर लाठी मारता है, वहां बैठे लोग नारे लगाने लगते हैं।’
‘सड़क पर लाकर मारना जुल्म नहीं तो क्या?’
AIMIM चीफ ने कहा कि मुसलमान को सड़क पर लाकर मारा जाना जुल्म नहीं तो क्या है? क्या यही भारत का लोकतंत्र है? क्या यह भारत का संविधान है? आखिर मौलिक अधिकार, कानून-व्यवस्था और धर्मनिरपेक्षता कहां है? उन्होंने कहा कि सड़क के कुत्ते की इज्जत है लेकिन मुसलमान की नहीं।
ओवैसी बोले- क्या यही है हमारी इज्जत
ओवैसी ने कहा, ‘मुसलमानों को सड़क पर लाकर पीटा जाता है। क्या यही हमारी इज्जत है? क्या यही हमारी जान की कीमत है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चुप क्यों हैं? मोदी जिस राज्य के मुख्यमंत्री थे, वहां पुलिसवाले मुसलमान को सड़क पर लाकर लाठी से मारते हैं और वहां खड़े लोग सीटी मारते हैं। इसकी वीडियो बनाई जाती है।’
मैं जालिम का साथ नहीं दे सकता: ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मैं पूछता हूं कि कोर्ट किस लिए है? पुलिस किस काम के लिए है? इन्हें बंद कर दीजिए। चुनाव आएगा तो लोग बोलेंगे कि ओवैसी को वोट मत दो, लेकिन मैं आपसे दूर नहीं होने वाला हूं। जिस किसी पर भी जुल्म होगा, मैं उसके साथ रहूंगा। मैं जालिम का साथ नहीं दे सकता हूं। जब तक मेरी जिंदगी है, मैं लड़ता रहूंगा।’