क्रेडिट और डेबिट कार्ड होल्डर्स ध्यान दें! 1 अक्टूबर से बदल जाएगा पेमेंट का नियम, देश भर के ग्राहकों पर असर
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क्रेडिट और डेबिट कार्ड होल्डर्स ध्यान दें! 1 अक्टूबर से बदल जाएगा पेमेंट का नियम, देश भर के ग्राहकों पर असर
क्रेडिट और डेबिट कार्ड होल्डर्स ध्यान दें! 1 अक्टूबर से बदल जाएगा पेमेंट का नियम, देश भर के ग्राहकों पर असर
देशभर में बढ़े रहे साइबर ठगी के मामलों पर शिकंजा कसने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले महीने से अहम बदलाव करने जा रहा है।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड होल्डर्स ध्यान दें! 1 अक्टूबर से बदल जाएगा पेमेंट का नियम, देश भर के ग्राहकों पर असर
Varsha Pathak मिंट , नई दिल्ली
Sun, 18 Sep 2022 9:24 AM
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RBI Tokenisation Rule: देशभर में बढ़े रहे साइबर ठगी के मामलों पर शिकंजा कसने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले महीने से अहम बदलाव करने जा रहा है। दरअसल, आरबीआई क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों के लिए 1 अक्टूबर से कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन (CoF Card Tokenisation) नियम ला रहा है। आरबीआई के मुताबिक, इस नियम के लागू होने के बाद कार्डहोल्डर्स को ज्यादा सुविधाएं और सुरक्षा मिलेगी।
आपको बता दें कि पहले यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होने वाला था, लेकिन अब आरबीआई ने इस डेडलाइन को 6 माह के लिए बढ़ा कर 30 जून कर दिया था। बाद में RBI ने इसकी डेडलाइन फिर से बढ़कर 1 अक्टूबर 2022 कर दिया गया। इसका मतलब यह है कि टोकनाइजेशन की सुविधा अगले महीने 1 अक्टूबर से लागू कर दी जाएगी। ऐसे में आरबीआई ने सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा ऑनलाइन, पॉइंट-ऑफ-सेल और इन ऐप से होने वाले लेन-देन को एक ही में मर्ज कर एक यूनिक टोकन जारी करने को कहा है। आइए जानते हैं इस सुविधा के बारे में डिटेल्स में..
टोकनाइजेशन क्या है?
जब आप लेन-देन के लिए अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो लेन-देन 16-अंक के कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट, सीवीवी के साथ-साथ वन-टाइम पासवर्ड या ट्रांज़ैक्शन पिन जैसी जानकारी पर आधारित होता है। जब इन सभी जानकारी को सही से डाला जाता है तभी लेनदेन सफल होता है। टोकनाइजेशन वास्तविक कार्ड विवरण को “टोकन” नामक एक यूनिक वैकल्पिक कोड में बदलेगा। यह टोकन कार्ड, टोकन अनुरोधकर्ता और डिवाइस के आधार पर हमेशा यूनिक होगा।
क्या कार्ड टोकनाइजेशन सुरक्षित है?
जब कार्ड के विवरण एन्क्रिप्टेड तरीके से स्टोर किए जाते हैं, तो धोखाधड़ी का जोखिम बहुत कम हो जाता है। आसान भाषा में, जब आप अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी टोकन के रूप में शेयर करते हैं तो आपका रिस्क कम हो जाता है।
16-अंक का डेबिट, क्रेडिट कार्ड नंबर याद रखने की जरूरत नहीं
रिज़र्व बैंक ने कहा है कि टोकन व्यवस्था के तहत हर लेनदेन के लिए कार्ड विवरण इनपुट करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल भुगतान को और प्रभावी बनाने और इसे सुरक्षित बनाने के लिए रिजर्व बैंक के प्रयास जारी रहेंगे।
कैसे काम करेगा टोकनाइजेशन?
इस व्यवस्था में आपके कार्ड की जानकारी को यूनिक वैकल्पिक कोड में बदल दिया जाएगा। इस कोड की मदद से भुगतान संभव हो सकेगा। इस प्रक्रिया में भी आपको अपने कार्ड के सीवीवी नंबर और वन टाइम पासवर्ड की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा अतिरिक्त सत्यापन के लिए भी सहमति देनी होगी।
ऐसे करना होगा भुगतान?
डिजिटल भुगतान के दौरान आपको टोकन नंबर चुनने का विकल्प दिया जाएगा। इस पर क्लिक करते ही संबंधित कार्ड की जानकारी को टोकन नंबर में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आपकी सहमति लेकर अनुरोध भेजा जाएगा। इसके बाद आपको कार्ड नंबर की बजाय टोकन नंबर दिया जाएगा। इसकी मदद से भुगतान कर पाएंगे। खास बात यह है कि अलग-अलग वेबसाइट के लिए एक ही कार्ड के लिए अलग-अलग टोकन नंबर जारी किए जाएगा।