बिहार में पुलिस पर हमलों को लेकर सख्त है सरकार, दो महीने में 2394 गिरफ्तार, ADG बोले- छोड़ेंगे नहीं किसी को
पुलिस या अन्य सरकारी कर्मियों पर हमला करनेवाले सचेत हो जाएं। ऐसा करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार ने कहा कि किसी भी सूरत में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं होंगी। पुलिस ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आ रही है और आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पुलिस पर हमले के मामलों में बड़ी संख्या में असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है। जून से जुलाई तक पुलिस पर हमले में 2394 गिरफ्तारियां हुईं। वहीं अगस्त में 339 ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उन्होंने कहा कि पुलिस या किसी भी सरकारी कर्मी पर हमला गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में आता है।
अपराध के ट्रेंड में गिरावट
एडीजी मुख्यालय ने दावा किया कि बिहार में अपराध में इजाफा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जनवरी से जून तक के जो आंकड़े हैं, वह बताते हैं कि राज्य में अपराध के ट्रेंड में गिरावट है। उन्होंने जुलाई और अगस्त में अपराध बढ़ने के सवाल को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है।
एडीजी ने हाल में एनसीआरबी द्वारा क्राइम इन इंडिया 2021 के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में अपराध की दर कई राज्यों के मुकाबले कम है। राष्ट्रीय स्तर पर संज्ञेय अपराध की दर 445.9 है तो बिहार में यह 228 है। देश में अपराध दर के लिहाज से बिहार का स्थान 24वां है। वर्ष 2020 के मुकाबले साल 2021 में हत्या, दहेज हत्या, फिरौती हेतु अपहरण, बलात्कार और दंगा की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है।
गिरफ्तारी में हुआ है इजाफा
एडीजी मुख्यालय ने कहा कि गंभीर आपराधिक घटनाओं में गिरफ्तारी के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन प्रहार के तहत बड़ी संख्या में गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तारी के लिए जिलास्तर पर गठित ‘वज्र’ टीम द्वारा साल के शुरुआती सात महीनों में प्रति माह औसत 5997 गिरफ्तारी की गई। वहीं, अगस्त में इसमें 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बीते माह हत्या, हत्या के प्रयास, पुलिस पर हमला, एससी-एसटी एक्ट के अलावा अन्य विशेष प्रतिवेदित कांडों (एसआर केस) में 8301 गिरफ्तारियां की गईं। यह सिर्फ वज्र द्वारा की गई कार्रवाई है। जिला पुलिस द्वारा इसके अतिरिक्त भी बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी की गई है।