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20 हजार करोड़ रुपये से चकाचक होंगी गांव की सड़कें, नीतीश कैबिनेट ने लगाई मुहर

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20 हजार करोड़ रुपये से चकाचक होंगी गांव की सड़कें, नीतीश कैबिनेट ने लगाई मुहर

बिहार के 25000 किलोमीटर ग्रामीण सड़क चकाचक होंगी. इसके लिए 20000 करोड़ की राशि खर्च करेगी. कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी है.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी सौगात दी है. 20 हजार करोड़ रुपये से बिहार के ग्रामीण सड़कों का विस्तार होगा. ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष में 20000 करोड़ की लागत की 25000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों चकाचक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण होने के बाद प्रदेश का विकास तेजी से होगा और यातायात सुगम होगा. 14 नवंबर को हुए कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी है.

योजना शुरू करने वाला पहला राज्य: देश में बिहार पहला राज्य है जो इस तरह की योजना शुरू कर रहा है. जिसमें 7 वर्षों तक सालों भर ग्रामीण सड़कों को मेंटेन किया जाएगा. पहले सड़क निर्माण विभाग के पास इस तरह की योजना है, लेकिन ग्रामीण सड़कों के लिए पहली बार इस तरह की योजना शुरू हो रही है. केंद्र सरकार ने भी इस योजना की सराहना की है. आने वाले दिनों में दूसरे राज्य भी इस योजना को अपनाएंगे.

3000 करोड़ में 600 पुल भी बनेंगे: मंत्री अशोक चौधरी ने यह भी जानकारी दी कि 9 वर्ष से बंद पड़े मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना को भी शुरू करने का फैसला लिया गया है. वित्तीय वर्ष में 600 पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर 3000 करोड़ की राशि खर्च होगी. 100 मीटर तक लंबाई वाले पुल का निर्माण किया जाएगा.लोकसभा चुनाव के दौरान कई जगह ग्रामीणों के विरोध और वोट बहिष्कार का भी सामना करना पड़ा था और उनकी मांग को देखते हुए ही यह फैसला मुख्यमंत्री ने लिया गया है.

“हर साल मार्च में हम लोग मेंटेनेंस के लिए सड़कों को लेंगे और धीरे-धीरे सभी ग्रामीण पथों का इस योजना के तहत मेंटेनेंस का कार्य होने लगेगा जिससे सालों भर ग्रामीण इलाकों में लोगों को आवागमन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.” -दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग

ठेकेदार को 7 वर्षों के लिए दिया जाएगा: दरअसल, बिहार में 120000 किलोमीटर ग्रामीण पथ हैं. जिसमें से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 25000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का पुनर्निर्माण, उन्नयन, नवीनीकरण किए जाने का फैसला लिया गया है. इस पर 20000 करोड़ की राशि खर्च होगी. ठेकेदार को 7 वर्षों के लिए दिया जाएगा. जिसमें दो बार कालीकारण करेंगे साथ ही रैपिड रिस्पांस व्हीकल भी रखना होगा. यदि सड़क में कहीं गड्ढा हुआ उसे तुरंत ठीक करना होगा. गड़बड़ी पर ब्लैकलिस्टेड करने का भी प्रावधान किया गया है.

“ग्रामीण कार्य विभाग बिहार के ग्रामीण सड़कों को चकाचक करने के लिए वित्तीय वर्ष में 20000 करोड़ की राशि खर्च करने जा रही है. 14 नवंबर को हुए कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी है.विभाग ग्रामीण सड़कों के सुदृढीकरण और प्रबंधन पर काम शुरू करने जा रहे हैं.” -अशोक चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री

65000 किलोमीटर सड़कों की स्थिति ठीक नहीं: बता दें कि 65000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का मेंटेनेंस हो रहा है. ग्रामीण सड़कों का जो ठेकेदार निर्माण करते हैं उन्हें 5 साल तक मेंटेनेंस करना होता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कई जगह सड़क की स्थिति गड़बड़ है. उसे भी सही ढंग से मेंटेनेंस नहीं करने वाले पर कार्रवाई भी करेंगे.

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