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2 महीने में लालू की चहेती को दूसरा झटका, निर्दलीय उम्मीदवार ने हार का लिया बदला

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2 महीने में लालू की चहेती को दूसरा झटका, निर्दलीय उम्मीदवार ने हार का लिया बदला

 बिहार उपचुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा। निर्दलीय उम्मीदवार ने अपने दम पर उपचुनाव जीत दिया। कभी बीमा भारती रुपौली विधानसभा सीट से विधायक थीं, लेकिन इस बार उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा।

बिहार के पूर्णिया जिले में निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव का दबदबा है। उनके संसदीय क्षेत्र में ही रुपौली विधानसभा सीट आती है, जहां उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने बाजी मार ली, जबकि दूसरे नंबर पर जेडीयू और तीसरे नंबर पर आरजेडी की उम्मीदवार रहीं। इस उपचुनाव में सबकी निगाहें आरजेडी नेता बीमा भारती पर टिकी थीं, लेकिन उन्हें दो महीने के अंदर दूसरा झटका लगा। आइए जानते हैं कि लालू प्रसाद यादव की चहेरी बीमा भारती को बार-बार हार का सामना क्यों करना पड़ रहा है?

जानें उपचुनाव नतीजों के आंकड़े

रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने 8246 वोटों से जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार कलाधर प्रसाद मंडल को हरा दिया। शंकर सिंह को 68070 मत मिले हैं, जबकि कलाधर ने 59824 वोट प्राप्त किए। राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार बीमा भारती तीसरे पर नंबर रहीं। उन्हें 30619 वोट मिले हैं।

लालू की चहेती हैं बीमा भारती

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीमा भारती ने जेडीयू का साथ छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया था। लालू प्रसाद यादव की चहेती बीमा भारती को पूर्णिया लोकसभा सीट से टिकट मिला, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने उन्हें हरा दिया। बीमा भारती के आरजेडी में शामिल होने से रुपौली विधानसभा सीट खाली हो गई थी। आरजेडी ने बीमा भारती पर फिर विश्वास जताया और रुपौली विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया, लेकिन 2 महीने में लालू की चहेती दूसरा चुनाव हार गईं।

शंकर सिंह ने हार का लिया बदला

साल 2020 में शंकर सिंह ने लोजपा से रुपौली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उस समय जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर बीमा भारती ने उन्हें हरा दिया था। साल 2005 में शंकर सिंह विधायक बने थे, लेकिन 8 महीने के बाद हुए चुनाव में बीमा भारती ने उन्हें पराजित कर दिया था। तबसे बीमा भारती का इस सीट पर दबदबा रहा और शंकर सिंह भी चुनाव लड़ते रहे।

जातीय समीकरण ने नहीं दिया साथ

आपको बता दें कि इस बार जातीय समीकरण इंडिया गठबंधन के पक्ष में नहीं रहा। आरजेडी और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव को सपोर्ट नहीं किया था, इसलिए मुस्लिम और यादव वोटर इस बार लालू और तेजस्वी से नाराज थे। चर्चा यह भी है कि जब से बीमा भारती आरजेडी में शामिल हुईं, तब से उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा है।

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