राजद व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव
वर्तमान समय में एक ही पद पर लगातार 7वीं बार बने रहना अपने आप में एक मिसाल हैं।
हुआ यूं की विधायक रण बहादुर एवं राजद व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के अनुमति से पटना निवासी अशोक साह को 7वीं बार राजद व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव बनाया गया हैं।इसके साथ ही उन्हें बाढ़ क्षेत्र के व्यवसायिक प्रकोष्ठ का प्रभार भी दिया गया हैं।
अशोक साह को राजद व्यवसायिक प्रकोष्ठ का 7 वीं बार प्रदेश महासचिव बनाएं जाने पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ,पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव,पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने बधाई देते हुये पार्टी संगठन को सुदृढ़ एवं धारदार बनाने में सक्रिय भूमिका अदा करने की उम्मीद जताई हैं।
बधाई देने वालों में राज्य सभा के सदस्य मीसा भारती, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम रजक,पूर्व विधान सभा अध्यक्ष उदय ना. चौधरी,मदन शर्मा,प्रदेश राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदानंद सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम चन्द्र पूर्व, मनोज कुमार, बलराम चौधरी, मो.जावेद अली, रजदिश राय,देव मुनी यादव,कृष्णा कुमार पप्पू,भूषण माली,राजेश मेहता,ललित कुमार,संजीव कुमार मुन्ना,जुगल प्रसाद,अरुण कुमार, पार्षद शोभा देवी,पूर्व पार्षद मुमताज़ जहां, मुन्ना खान,फ़ैयाज़ अहमद,उमेश पंडित, प्रदीप मेहता,सलमान अख्तर, अनवर इमाम,मुकेश कुमार,गिरिधर प्र.सिन्हा, गोपाल प्रसाद, संजय गुप्ता एवं प्रदेश महा सचिव डॉ. प्रेम गुप्ता, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पी.के.चौधरी सहित सैकड़ों लोग शामिल हैं।
व्यवसायिक प्रकोष्ठ के महासचिव अशोक साह कहते हैं कि हम अपने आपको देश,राज्य व समाज के लिए समर्पित हो चुके हैं।पार्टी ने मुझे 7 वीं बार राज्य व समाज की सेवा करने का मौका दिया हैं तो हम विश्वास व कर्मठता के साथ जनता के उम्मीदों को पूरा करेंगे।
अफसरशाही के विरुद्ध इनकी आवाज़ उठता रहता हैं।गरीबों के शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाना एवं सभी को सम्मान देना,जनता को मसीहा समझना वे अपना कर्तव्य समझते हैं।वे व्यवसायिक प्रकोष्ठ पर जोर देकर कहते हैं कि सबको इज्जत सबको काम मिलना चाहिए।
इनकी लोकप्रियता सभी जाति और धर्म के बीच हैं।वे समाज के जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं।इनका मानना हैं कि राजनीति मेरे लिए सत्ता साधन नहीं हैं।मैं गरीबों,मजलूमों और व्यपारियों को उनका हक दिलाने के लिये राजनीति में हूं।
किसी ने कहां हैं कि जिंदगी हैं तो ख़्वाब हैं, ख़्वाब हैं तो रास्ते हैं, रास्ते हैं तो मंजिल हैं, मंजिल हैं तो हौसला हैं और हौसला हैं तो विश्वास हैं, और यही विश्वास महासचिव अशोक साह को राजनीति और समाज सेवा के लिए प्रेरित करता हैं।
मेहंदी जब सहती प्रहार,बनती ललनाओं का सिंगार, जब फूल पिरोएं जाते हैं, उनको हम गले लगाते हैं।महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की ये पंक्तियां राजद व्यवसायिक प्रकोष्ठ के महासचिव अशोक साह पर उपर्युक्त बैठता हैं।अर्थात मेहंदी जब पत्थर पर घिसती हैं तो प्रहार सहती हैं।तभी वह अपना रंग बिखेरने में कामयाब होती हैं।
प्रदीप कुमार नायक
स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार