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प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से मुकाबले के लिये आपात राहत कोष बनाने की घोषणा की

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प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से मुकाबले के लिये आपात राहत कोष बनाने की घोषणा की नयी दिल्ली, 28 मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ नामक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की जहां लोग कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की लड़ाई में मदद एवं योगदान दे सकते हैं । प्रधानमंत्रदी इस ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे ।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, ‘‘ कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चिंताजनक हालात जैसी किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या संकट से निपटने के लिये एक विशेष राष्ट्रीय कोष बनाने की आवश्यकता और इससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया है।’’ प्रधानमंत्री इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री शामिल हैं।
राहत कोष की जानकारी देते हुए मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष स्वस्थ भारत बनाने में काफी सहायक होगा । ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 के खिलाफ भारत के युद्ध में सभी वर्गों से लोगों ने दान देने की इच्छा व्यक्त की थी । ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोष का गठन इसी भावना को ध्यान मे रखते हुए किया गया है ।
वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि ‘कोविड-19’ की महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है और इसके साथ ही विश्‍व भर में करोड़ों लोगों की स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां उत्‍पन्‍न कर दी हैं। भारत में भी कोरोना वायरस फैलता जा रहा है और हमारे देश के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य एवं आर्थिक चुनौतियां उत्‍पन्‍न कर रहा है।
बयान के अनुसार, ‘‘ इस आपातकाल के मद्देनजर सरकार को आवश्‍यक सहयोग देने के उद्देश्‍य से उदारतापूर्वक दान करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को काफी अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।’’ इसमें कहा गया है कि संकट की स्थिति, चाहे प्राकृतिक हो या कोई और, में प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने और बुनियादी ढांचागत सुविधाओं एवं क्षमताओं को हुए भारी नुकसान को नियंत्रित करने के लिए त्‍वरित और सामूहिक कदम उठाना जरूरी हो जाता है। नई प्रौद्योगिकी और आधुनिक अनुसंधान निष्कर्षों का उपयोग भी इसका एक अविभाज्य हिस्‍सा बन जाता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि किसी भी मुसीबत को कम करने के लिए सार्वजनिक भागीदारी सबसे प्रभावकारी तरीका है । इस कोष में छोटी-छोटी धनराशियां दान के रूप में दी जा सकेंगी। इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग इसमें छोटी-छोटी धनराशियों का योगदान करने में सक्षम होंगे।

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