
गिरते शेयर बाजार, ट्रंप टैरिफ पर क्या बोले पीयूष गोयल? पीएम मोदी पर भी कही ये बड़ी बात
दुनिया उपल-पुथल के दौर से गुजर रही है। ऐसे में भारत दुनिया के सामने खुद को स्थिर आर्थिक शक्ति के तौर पर पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योगों को अपने मूल में राष्ट्रवाद को बनाए रखना होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयात पर लगाए गए टैरिफ ने विश्व भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट ला दी है। भारत इससे अछूता नहीं है। सेंसेक्स और निफ्टी में शुरुआती कारोबार में 5 प्रतिशत गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे निवेशकों में घबराहट का माहौल है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस वैश्विक संकट को भारत एक सुनहरे अवसर में बदलने को तैयार है। उन्होंने कहा कि एक ओर पूरी दुनिया टैरिफ युद्ध से प्रभावित हो रही है। इस दौरान भारत स्वयं को एक भरोसेमंद और स्थित आर्थिक शक्ति के तौर पर पेश करने का मौका है।
नियमों का उल्लंघन करने वाली शक्तियों को रोकना होगा
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने चीन पर भी जमकर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सस्ते श्रम का शोषण, वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन, छिपी हुई सब्सिडी ही चीन की सफलता की नींव रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक संतुलन बनाए रखने के लिए निष्पक्ष मूल्य निर्धारण और ईमानदार व्यापार प्रतिक्रियाएं जरूरी हैं। गोयल ने कहा कि ऐसे माॅडल जो बहुपक्षीय व्यापार नियमों का उल्लंघन करते हैं उन्हें रोकना होगा। जब विश्व बाजार में ईमानदार और समान अवसर नहीं मिलेंगे तो यह संकट और गहरा सकता है।
भारत पूरी तरह तैयार
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारतीय उद्योगों को राष्ट्रवाद की मूल भावना को ध्यान में रखकर काम करना होगा। उन्होंने पीएम मोदी के नेशन फस्र्ट और आत्मनिर्भरता वाले दृष्टिकोण की सराहना की थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इतिहास के उस मोड़ पर खड़े हैं, जहां पर भारत मौजूदा स्थिति को अवसर में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमें एक-दूसरे को समर्थन देने की जरूरत है। हमें राष्ट्रवादी दृष्टिकोण रखना होगा। पीएम नरेंद्र मोदी आज राष्ट्र प्रथम की बात करते हैं जब वे 2047 तक विविध भारत की बात करते हैं। इसके साथ ही उनका ध्यान और सतत और समावेशी विकास की ओर बात करते हैं।
पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे पास 1.4 बिलियन लोगों के उपभोक्ता आधार का बड़ा लाभ है, जो दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। गोयल ने कहा कि वर्तमान उथल-पुथल का कारण 1990 के दशक के अंत में डब्ल्यूटीओ में चीन का प्रवेश है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों को यकीन था कि चीन खुद को सुधारेगा और अपनी प्रक्रियाओं को बदलेगा। अपनी अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था में निष्पक्ष शर्तों पर काम करेगा।