
जे एन यू की छात्रा पहले से ही पुलिस की हिरासत में है
शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा, नताशा नरवाल पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून 2019 (UAPA) की धारा लगा दी। पुलिस का कहना है की नताशा नरवाल का फरवरी में उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगो को करवाने में हाथ है।
नताशा नरवाल और जे एन यू की एक और छात्रा देवांगा कलिता, क्राइम ब्रांच द्वारा किये जा रहे एक अलग केस के चलते न्यायिक हिरासत में है। ये केस उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगों से जुड़ा हुआ है।
ये दोनों छात्रा पिंजरा तोड़ ग्रुप के सदस्य है, जो एक संगठित महिलाओं का ग्रुप है जिसमे दिल्ली के अलग अलग कॉलेज की पूर्व छात्राएं शामिल है। इस ग्रुप ने पहले महिलाओं के लिए दंडात्मक हॉस्टल कानून के खिलाफ मुहीम छेड़ी थी। नताशा नरवाल और देवांगा कलिता फिलहाल मंडोली जेल में बंद है।
पी टी आई को अपनी पहचान ना बताने के शर्त पर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगो की चल रही जांच में हमारे पास नताशा नरवाल के खिलाफ कई सबूत है जो ये साबित करती है की उनका उन दंगो को करवाने में हाथ था।”
इन दोनों छात्रों को 23 मई को, शांतिपूर्ण ढंग से नागरिकता क़ानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नेतृत्व करने के एवज़ में गिरफ्तार किया गया था। एक दिन बाद ही इस केस से इन दोनों को कोर्ट के द्वारा बरी भी कर दिया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस में छपे खबर के अनुसार, ड्यूटी मजिस्ट्रेट अजीत नारायण ने कहा था की इनके खिलाफ लगाई गयी आई पी सी की धारा 353 (लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन कारण से रोकने और हमला करने) बनाए रखने योग्य नहीं है, वो दोनों बस नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही थी। केस के अभियुक्त का समाज में जड़े मजबूत है और वो काफी पढ़ी लिखी भी है और दोनों पुलिस के साथ जांच में सहयोग भी करेंगी।
उसी वक्त क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम ने नताशा नरवाल और देवांगा कलिता को क़त्ल की धारा, हत्या करने की कोशिश की धारा और दंगा भड़काने की धारा के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया। क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी कुलदीप सिंह ने कोर्ट से उनकी 14 दिन की हिरासत मांगी जिसपर कोर्ट ने उन्हें 2 दिन की हिरासत की अनुमति दी।
इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इक़बाल तनहा और गुलफिशा खातून, जामिया समनव्य समिति की सदस्य सफूरा ज़रगर और मीरान हैदर, जामिया एसोसिएशन के नेता शिफा-उर-रेहमान, निलंबित आप के सदस्य ताहिर हुसैन, कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहाँ एवं पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर भी दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने एंटी टेरर की धारा लगाई है।
24 फरवरी को उत्तर पूर्व दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमे करीब 53 लोग अपनी जान गंवा बैठे थे और करीब करीब 200 लोग जख़्मी हुए थे। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा जिन्होंने इससे दंगे होने से पूर्व, दंगे से जुड़ा विवादास्पद बयान खुलेआम दिया था, उनपर अभी तक कोई कानूनी करवाई नहीं हुई है।