Home खास खबर हनीमून, सालगिरह, बर्थडे सेलिब्रेट करने गए थे पहलगाम; 27 लोगों को आखिर किस गुनाह की मिली सजा?

हनीमून, सालगिरह, बर्थडे सेलिब्रेट करने गए थे पहलगाम; 27 लोगों को आखिर किस गुनाह की मिली सजा?

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हनीमून, सालगिरह, बर्थडे सेलिब्रेट करने गए थे पहलगाम; 27 लोगों को आखिर किस गुनाह की मिली सजा?

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 27 लोगों को आखिर किसी गुनाह की सजा मिली? इसका जवाब हर भारतीय को चाहिए। कोई जन्मदिन, कोई सालगिरह तो कोई हनीमून मनाने पहलगाम गया था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल दिन मंगलवार को आतंकी हमला हुआ, जिसमें 27 भारतीय टूरिस्ट मारे गए। सेना की वर्दी पहनकर आए 4 से 7 आतंकियों ने भारतीयों से उनके नाम पूछे और गोली मार दी। भारत में घुसकर खेले गए खूनी खेल को देखकर पूरा देश बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान और आतंकियों का खात्मा करने की बात कर रहा है, भारतीयों के दिल जल रहे हैं। पकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ गुस्सा फूट रहा है। एक-एक आतंकी का सिर कलम करने की बात कही जा रही है।

लोगों के दिल में एक ही सवाल है कि आखिर उन 27 लोगों का कसूर क्या था? उन्हें किसी गुनाह की सजा दी गई? लोग अपना जन्मदिन, सालगिरह, हनीमून मनाने पहलगाम आए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि खुशियों के बदले उन्हें मौत मिलेगी। उन्हें क्या पता था कि पहलगाम तक उनका सफर जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा। आइए पहलगाम में मारे लोगों के परिजनों की आपबीती पढ़ते हैं, आपका दिल भी भर आएगा और आंखें छलक जाएंगी…

विनय नरवाल

हरियाणा के करनाल शहर निवासी विनय नरवाल भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट थे। उनकी 6 दिन पहले ही 19 अप्रैल को शादी हुई थी। पत्नी के साथ हनीमून मनाने पहलगाम गए थे। बैसरन घाटी में दोनों एन्जॉय कर रहे थे कि आतंकी हमला हो गया। आतंकियों ने नाम पूछकर उनके सिर में गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

शुभम द्विवेदी

उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की शादी 12 फरवरी को हुई थी। पूरे परिवार ने प्लान बनाया था कि शादी के बाद शुभम पूरे परिवार के साथ जश्न मनाने कश्मीर जाएगा। वे मम्मी-पापा, बहन-बहनोई और बहन के ससुरालियों के साथ कश्मीर गए थे। सोनमर्ग और गुलमर्ग के बाद सभी पहलगाम गए थे, लेकिन पहलगाम में आतंकी हमला हो गया। आतंकियों ने शुभम से भी उसका नाम पूछा और सिर में गोली मार दी। इस दौरान उसकी पत्नी आशान्या उसके साथ थी।

दिनेश मिरानिया

छतीसगढ़ के रायपुर निवासी कारोबारी दिनेश मिरानिया की 22 अप्रैल को शादी की सालगिरह थी। वे पत्नी और दोनों बच्चों के साथ पहलगाम की बैसरन घाटी में थे। पत्नी और दोनों बच्चों की आंखों के सामने आतंकियों ने दिनेश को गोली मार दी। पत्नी के चेहरे पर पति को मारी गई गोली के बारूद के छीटें पड़े, जिससे जख्म हो गए। परिवार काफी समय से कश्मीर घूमने का प्लान बना रहा था, लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि यह सफर उन्हें जिंदगीभर कर जख्म दे जाएगा।

शैलेश कलठिया

गुजरात के सूरत निवासी शैलेश कलठिया का जन्मदिन 23 अप्रैल को था, लेकिन एक दिन पहले 22 अप्रैल को आतंकी हमले में उनकी जान चली गई। शैलेश का 44वां जन्मदिन था, लेकिन वे सेलिब्रेट नहीं कर पाए। शैलेश पत्नी और बेटा-बेटी के साथ बर्थडे सेलिब्रेट करने ही पहलगाम पहुंचे थे, लेकिन सोचा नहीं था कि यह जिंदगी का आखिरी सफर होगा। शैलेश के परिवार ने बर्थडे पार्टी की पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन उनकी खुशियां पलभर में मातम में बदल गईं।

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