
NIA को मिली बड़ी कामयाबी, वॉन्टेड माओवादी चढ़ा हत्थे; ग्रेनेड मॉडिफाई कर नक्सलियों को करता था सप्लाई
बिहार में 2021 में बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा मिला था। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। कई आरोपियों को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। कुछ आरोपियों की तलाश एनआईए को थी। पता लगा था कि ये आरोपी नक्सलियों को हथियार सप्लाई करते थे। इस मामले में एनआईए को अब बड़ी सफलता हाथ लगी है।
एनआईए को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बिहार में हथियारों की बरामदगी के मामले की जांच कर रही एनआईए को अब वॉन्टेड माओवादी हाथ लग गया है। यह माओवादी पल भर में बम बनाने में माहिर बताया जा रहा है। वहीं, यह ग्रेनेड को मॉडिफाई करके नक्सलियों को सप्लाई करता था। वरिष्ठ सीपीआई (माओवादी) नेता उदय जी उर्फ राजेश कुमार सिन्हा को एनआईए ने दबोच लिया है। जांच एजेंसी को लंबे समय से उसकी तलाश थी। 2021 में एनआईए ने बिहार से भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद और विस्फोटक पकड़े थे। आरोपी तभी से फरार था। बताया जा रहा है कि आरोपी सीपीआई (माओवादी) के विशेष क्षेत्र समिति का सदस्य है।
आरोपी के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और यूए (पी) एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। यही नहीं, परशुराम सिंह उर्फ नंदलाल नाम के आरोपी के ठिकाने से कई भड़काऊ लेख, उपकरण और कई प्रकार के दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। ये आरोपी झारखंड के बूढ़ापहाड़ में एक माओवादी कैंप में भी जा चुका था। इस आरोपी की मिथिलेश मेहता उर्फ मिथिलेश वर्मा उर्फ भिखारी उर्फ गेहूदा के साथ भी मिलीभगत थी।
5 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र किया था दाखिल
एनआईए के अनुसार आरोपियों की बड़ी साजिश के बारे में पता लग गया था। 5 आरोपी एनआईए के हत्थे चढ़ गए थे। संजय सिंह, परशुराम सिंह, प्रेम राज उर्फ गौतम, मोहम्मद बदरुद्दीन और राकेश कुमार को एनआईए ने दबोच लिया था। सभी आरोपियों के खिलाफ दिसंबर 2021 में आरोप पत्र भी जांच एजेंसी दाखिल कर चुकी है। सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति के सदस्य मिथिलेश मेहता की भूमिका सामने आने के बाद एनआईए ने जून 2022 में उसको भी हिरासत में ले लिया था। उदय जी एजेंसी के हाथ नहीं आ रहा था। उसे अब दबोच लिया गया है।