बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने बनाई योजना, जल संसाधन मंत्री ने दी पूरी डिटेल
National Silt Management Policy: मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर चांदन डैम से गाद निकालकर उसके व्यावसायिक इस्तेमाल की परमिशन दी जाएगी।
National Silt Management Policy: बिहार में बाढ़ हर साल तबाही मचाती है। इसका कहर कम करने के लिए नदियों से गाद निकालने की योजना तैयार कर ली गई है। मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर बांका केचांदन डैम से गाद निकालकर उसके व्यावसायिक उपयोग की अनुमति दी जाएगी।
इससे सरकार को रॉयल्टी के रूप में 49 करोड़ रुपये भी मिलेंगे। यह प्रयोग सफल रहा तो अन्य नदियों से भी गाद निकालने का काम होगा। केंद्र सरकार से भी राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति जल्द लागू करने का अनुरोध किया जाएगा।
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानपरिषद में जदयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। जदयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने कोसी नदी में अत्यधिक गाद के कारण बाढ़ की समस्या, तटबंध की मरम्मती, कोसी बराज की क्षमता और विस्थापन का मुद्दा उठाया।
मंत्री ने कहा कि खड़ी पहाड़ी से पानी आने के चलते कोसी में गाद ज्यादा आती है। इसके लिए राज्य सरकार दो प्रस्ताव पर काम कर रही है। पहला 1963 में बने बराज की संरचना पर तकनीकी और उपयोगिता के हिसाब से जांच कराना। दूसरा, डगमारा में नया बराज बनाने का प्रस्ताव है।
किसानों को होगा फायदा
बांका कृषि आधारित जिला है और जिले के 60 प्रतिशत किसान चांदन जलाशय पर निर्भर हैं। लेकिन चांदन जलाशय विगत 20 सालों से गाद की समस्या से जूझ रहा है। डैम में करीब 65 प्रतिशत भाग गाद जमा है इस वजह से चांदन डैम में उचित मात्रा में जल भंडारण नहीं हो पाता है। जिले के किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाता है। इस पहल से किसानों को लाभ मिलेगा।
उत्तर बिहार से बहने वाली बागमति, गंडक, बूढ़ी गंडक, लखनदेई समेत कई नदियों में भी गाद भर गया है जिससे बाढ़ के पानी का प्रसार बहुत ज्यादा हो जाता है। गाद प्रबंधन नीति अगर सफल हो जाती हेै तो बिहार की जनता को बाढ़ की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी।