नगालैंड में मातम छाया, लोगों ने मारे गए आम नागरिकों की याद में शोक जताया
कोहिमा, आठ दिसंबर (भाषा) नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों की मौत के विरोध में एक दिन के बंद के बाद सीमावर्ती राज्य में मातम छाया है।
विभिन्न नगा संस्थाओं ने मृतकों के लिए पांच दिनों के शोक का आह्वान किया है, जो शुक्रवार को समाप्त होगा। नगा छात्र संघ ने मृतकों के लिए न्याय की अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल आवास के समक्ष धरना देने की योजना बनाई है।
अधिकारियों ने बताया, नगालैंड और सोम में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अब लगभग सभी नगा जनजातियां सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफस्पा) को हटाने की मांग को लेकर एकजुट हो गई हैं।
नगा मदर्स एसोसिएशन और ग्लोबल नगा फोरम सहित कई शक्तिशाली नगा नागरिक संस्थाओं ने मंगलवार को राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी से मुलाकात कर अपनी अन्य मांगों के साथ इस बात पर भी जोर दिया कि सेना की छावनियों और असम राइफल्स के शिविरों को असैन्य क्षेत्रों से बाहर स्थानांतरित किया जाए।
कोन्याक यूनियन ने भी अपनी मांगों की सूची में इस बात पर जोर दिया कि लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के कारण असम राइफल्स शिविर को ‘‘नैतिक आधार पर’’ जिले से वापस बुला लेना चाहिए।
गोलीबारी की घटनाएं चार दिसंबर को ओटिंग-तिरू इलाके में और पांच दिसंबर को मोन कस्बे में हुईं।