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महाकुंभ नहीं पहुंचे तो रेलवे से मांगा 50 लाख मुआवजा, बिहार का शख्स बोला-ये लापरवाही

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महाकुंभ नहीं पहुंचे तो रेलवे से मांगा 50 लाख मुआवजा, बिहार का शख्स बोला-ये लापरवाही

Muzaffarpur Man Sent Legal Notice to Railway: बिहार के मुजफ्फरपुर के एक शख्स ने रेलवे की लापरवाही से महाकुंभ नहीं पहुंच पाने पर रेलवे के अध्यक्ष को नोटिस भेजा है, साथ ही 50 लाख रुपये का मुआवजा मांगा है।

Muzaffarpur Man Sent Legal Notice to Railway: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले को लेकर एक तरफ भगदड़ को लेकर मामला गरमाया है। वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर के एक शख्स ने रेलवे की लापरवाही से महाकुंभ नहीं पहुंच पाने पर रेलवे के अध्यक्ष को नोटिस भेजा है, साथ ही 50 लाख रुपये का मुआवजा मांगा है। पीड़ित ने मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा के जरिए रेलवे के अध्यक्ष को नोटिस भेजा है

अंदर से बंद थी ट्रेन की बोगी

दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट थाना क्षेत्र के सुबास केशो ग्राम के रहने वाले राजन झा ने रेलवे के अध्यक्ष को यह नोटिस भेजा है। राजन झा ने बताया कि उन्होंने अपने सास-ससुर के साथ 27 जनवरी को मुजफ्फरपुर से प्रयागराज तक जाने के लिए रेलवे का टिकट बुक किया था। जब ये लोग ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन गए, तब वहां पर वे लोग ट्रेन नहीं पकड़ पाए, क्योंकि ट्रेन की बोगी अंदर से बंद थी।

 

महाकुंभ के अमृत स्नान से रह गए वंचित

राजन झा ने इसकी शिकायत रेलवे प्रशासन में भी की, लेकिन रेलवे प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही ट्रेन की बोगी का दरवाजा खुला। कई कोशिशों के बाद भी ट्रेन की बोगी का गेट नहीं खुला और उनकी ट्रेन छूट गई। जिसकी वजह से वे और सास-ससुर महाकुंभ के अमृत स्नान से वंचित रह गए।

छूट गई ट्रेन

राजन झा के अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि यह पूरा मामला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सेवा में कमी का है। क्योंकि रेलवे प्रशासन की यह जिम्मेदारी थी कि मुजफ्फरपुर से प्रयागराज तक यात्रियों को समय पर पहुंचाए, लेकिन रेलवे ने ऐसा नहीं किया। यह पवित्र महाकुंभ 144 सालों के बाद आया है। राजन झा और उनके परिजनों को मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान करना था। लेकिन रेलवे की लापरवाही की वजह से यह परिवार इस स्नान से वंचित कर दिया गया।

50 लाख का मुआवजा

इसी वजह से रेलवे के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लीगल नोटिस भेजा गया है। इसमें आर्थिक और मानसिक हर्जाने के मद में कुल 50 लाख रुपये का दावा किया गया है। अगर 15 दिनों के अंदर रेलवे द्वारा हर्जाने की राशि नहीं दी गई, तो सक्षम न्यायालय में रेलवे के खिलाफ मुकदमा किया जाएगा।

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