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थक गया ‘हाथी’! 2012 के बाद गिरता गया बसपा का प्रदर्शन, हर चुनाव में फेल हुआ मायावती का फॉर्मूला

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थक गया ‘हाथी’! 2012 के बाद गिरता गया बसपा का प्रदर्शन, हर चुनाव में फेल हुआ मायावती का फॉर्मूला

हरियाणा में चुनावी हार के लिए बसपा ने सीधे तौर पर जाट समुदाय को जिम्मेदार ठहरा दिया था। हालांकि पिछले 12 सालों में पार्टी का प्रदर्शन लगातार नीचे गिरता गया है। मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं है।

बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने हरियाणा चुनाव नतीजों के बाद पार्टी की हार के लिए जाट समुदाय के वोटरों को जिम्मेदार ठहराया। हरियाणा में बसपा ने अभय सिंह चौटाला की इनेलो के साथ गठबंधन किया था। इनेलो को दो सीटें मिलीं, लेकिन बसपा का खाता नहीं खुल पाया। पार्टी को हरियाणा चुनाव में मात्र 1.82 प्रतिशत वोट मिले हैं। पार्टी को हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव में 4.21 प्रतिशत वोट मिला था। हालांकि पार्टी कोई भी सीट जीत नहीं पाई थी। 2014 के चुनाव में बसपा को हरियाणा में 4.4 प्रतिशत वोट मिला था और उसका एक उम्मीदवार विधायक का चुनाव जीतने में सफल रहा था।

हालांकि बसपा के लिए यह सिर्फ हरियामा की कहानी नहीं है। यूपी, बिहार, राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी बसपा का आधार लगातार कमजोर हुआ है। कभी यूपी के बाहर के राज्यों में भी सियासी ताकत के तौर पर मौजूद रही बसपा अब एक-एक सीट की मोहताज हो गई है। दिलचस्प बात ये है कि मायावती अपने उत्तराधिकारी आकाश आनंद को लेकर भी उहापोह की शिकार रही हैं और लोकसभा चुनावों में उन्होंने जिस तरह आकाश आनंद को बीच चुनाव से हटाया। वह भी पार्टी के लिए बैकफायर कर गया।

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