Home खास खबर हिजाब बैन पर सुप्रीम कोर्ट के जजों में मतभेद, अब बड़ी बेंच में होगी सुनवाई; आखिरी फैसले का बढ़ा इंतजार

हिजाब बैन पर सुप्रीम कोर्ट के जजों में मतभेद, अब बड़ी बेंच में होगी सुनवाई; आखिरी फैसले का बढ़ा इंतजार

1 second read
Comments Off on हिजाब बैन पर सुप्रीम कोर्ट के जजों में मतभेद, अब बड़ी बेंच में होगी सुनवाई; आखिरी फैसले का बढ़ा इंतजार
0
98

हिजाब बैन पर सुप्रीम कोर्ट के जजों में मतभेद, अब बड़ी बेंच में होगी सुनवाई; आखिरी फैसले का बढ़ा इंतजार

स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पर बैन के खिलाफ अर्जी पर सुप्रीम कोेर्ट की बेंच में फैसला नहीं हो सका है। दो सदस्यों वाली बेंच में इस मसले पर मतभेद थे। ऐसे में केस को अब तीन जजों की के हवाले कर दिया गया है। बड़ी बेंच में एकमत से या फिर बहुमत से ही अब फैसला हो सकेगा। गुरुवार को जस्टिस हेमंत गुप्ता ने अपना फैसला सुनाते हुए कर्नाटक सरकार की ओर से हिजाब बैन को सही करार दिया और विरोध करने वालों की अर्जी को खारिज कर दिया। वहीं, जस्टिस धूलिया ने हिजाब बैन के कर्नाटक सरकार के फैसले को गलत माना। ऐसे में दो जजों के अलग-अलग फैसले के चलते निर्णय मान्य नहीं होगा और अब आखिरी फैसला बड़ी बेंच की ओर से ही किया जाएगा।

जस्टिस धूलिया ने क्यों हिजाब पर बैन को माना गलत, पढ़ें फैसला

जस्टिस धूलिया ने अपने सीनियर जज से इतर राय जाहिर की। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि हिजाब पहनना या नहीं पहनना, यह मुस्लिम लड़कियों की पसंद का मामला है और इस पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। उन्होंने कर्नाटक सरकार की ओर से शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर रोक के फैसले को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि छात्राओं की पढ़ाई उनके लिए अहम है। हिजाब पर बैन जैसे मुद्दे से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। गौरतलब है कि हिजाब बैन के खिलाफ अपील करने वाले पक्ष की ओर से भी दलील दी गई थी कि यह महिला अधिकार से जुड़ा मामला है, इसे कुरान या इस्लाम से नहीं जोड़ना चाहिए।

10 दिनों तक सुनवाई के बाद SC ने सुरक्षित रखा था फैसला

स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पहनने पर बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिनों तक सुनवाई की थी और उसके बाद 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कर्नाक के लिहाज से यह अहम मामला है क्योंकि चुनाव करीब हैं और इसके चलते ध्रुवीकरण भी देखने को मिल सकता है। बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने इससे पहले हिजाब पर बैन को सही माना था और मुस्लिम लड़कियों की अर्जी को यह करते हुए खारिज कर दिया था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिसा नहीं है। इसके बाद हिजाब बैन का विरोध करने वालों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

क्रॉस, जनेऊ और पगड़ी पर भी सुनवाई में उठा था सवाल

सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर दिलचस्प बहस देखने को मिली थी। अदालत में हिजाब समर्थकों ने जनेऊ, क्रॉस, कृपाण और कड़ा जैसे प्रतीकों का उदाहरण देते हुए कहा था कि इन्हें पहनने पर कोई रोक नहीं है। हालांकि इन दलीलों का सरकार के वकीलों ने विरोध करते हुए कहा था कि ऐसा कहना गलत है। ये प्रतीक ड्रेस के ऊपर से नहीं पहने जाते हैं। अदालत ने भी इन प्रतीकों से हिजाब की तुलना को गलत माना था। बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पीठ ने पहले माना था कि ड्रेस कोड लागू करने के फैसले पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते हैं। यह किसी भी संस्थान का अधिकार है कि वह ड्रेस पर नियम बना सके।

Load More Related Articles
Load More By Seemanchal Live
Load More In खास खबर
Comments are closed.

Check Also

पूर्णिया में 16 KG का मूर्ति बरामद, लोगों ने कहा-यह तो विष्णु भगवान हैं, अद्भुत मूर्ति देख सभी हैं दंग

पूर्णिया में 16 KG का मूर्ति बरामद, लोगों ने कहा-यह तो विष्णु भगवान हैं, अद्भुत मूर्ति देख…