उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की एक अदालत ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में चार अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और हर दोषी को 27-27 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता आदित्य सिंह ने मंगलवार को बताया कि बाराबंकी के अपर जिला न्यायाधीश राम अवतार यादव ने सोमवार को गैर इरादतन हत्या के मामले में मुकदमे के फैसले में चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही प्रत्येक को 27 हजार रुपये अर्थदंड की सजा से भी दंडित किया।
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी शकुंतला, मुंशीलाल, कल्लू व पिंटू को अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 27-27 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है ।
घटना के बारे में सिंह ने बताया कि वादी मुकदमा रमेश चंद्र ग्राम फगौली थाना रुदौली ने 9 दिसंबर 2007 को पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उसकी मां कल्पा सुबह घर के बाहर बर्तन साफ कर रही थी, तभी गांव के मुंशीलाल की पत्नी शकुंतला ने उसकी मां के ऊपर छत से पानी फेंक दिया। मना करने पर आरोपी गालियां देने लगे और मुंशीलाल व उसके परिजन गुलशन, कल्लू, लल्लू, पिंटू, गुट्टे ने वादी व उसके भाई जगराम व साहबलाल व माता कल्पा को मारने पीटने लगे। वादी की मां जब घर में घुस गई तो आरोपियों ने घर से निकालकर भी उसकी पिटाई की।
इस दौरान घायल जगराम की मौत हो गई थी। घटना की रिपोर्ट रमेशचंद्र ने दर्ज कराई थी। जगराम की मौत के बाद भारतीय दंड विधान की धारा 304 की बढ़ोतरी पुलिस ने की थी। दौरान सुनवाई आरोपी लल्लू की मौत हो गई। गुलशन व गुट्टे नाबालिग पाए गये, लिहाजा उनके मामले किशोर न्यायालय भेजे गए।
अपर जिला न्यायाधीश की अदालत ने सोमवार को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी शकुंतला, मुंशीलाल, कल्लू व पिंटू को अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 27-27 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।