
बलूचिस्तान में कैसे मारा गया कुलभूषण जाधव का किडनैपर? मुफ्ती शाह मीर के कत्ल की इनसाइड स्टोरी
Kulbhushan Jadhav Kidnapper Mufti Shah Mir Death Inside Story: भारत के रिटायर्ड नौसेना अफसर कुलभूषण जाधव को किडनैप करने वाले मुफ्ती शाह मीर की हत्या कर दी गई है। यह हत्या पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की है। तो आइए जानते हैं मुफ्ती शाह मीर कौन था? उसकी हत्या कहां और क्यों कही गई?
Kulbhushan Jadhav Kidnapper Mufti Shah Mir Death Inside Story: बीती रात पाकिस्तान से एक बड़ी खबर सामने आई। भारतीय नौसेना के रिटायर्ड ऑफिसर कुलभूषण जाधव को किडनैप करने वाले मुफ्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह घटना पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की है, जहां कुछ लोगों ने मुफ्ती शाह को मौत के घाट उतार दिया।
कैसे हुई मीर की हत्या?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुफ्ती शाह मीर बलूचिस्तान के तुर्बत में मौजूद था। शनिवार की शाम वो मस्जिद में नमाज पढ़ने गया था। शाह मीर जैसे ही नमाज पढ़कर मंदिर से बाहर निकला, कुछ बंदूकधारियों ने उसे गोलियों से भून डाला। इस घटना के बाद मस्जिद के आसपास हड़कंप मच गया। शाह मीर को गोली मारने वाले आरोपी बाइक से फरार हो गए। शाह मीर को आनन-फानन में अस्पताल लेकर जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
कौन था मुफ्ती शाह मीर?
मुफ्ती शाह मीर, जमीयत उलमा-ए-इस्लाम नाम की एक कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा था। हालांकि इसके अलावा वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए भी काम करता था। शाह मीर बलूचिस्तान की खुफिया जानकारी ISI तक पहुंचाता था। इसके अलावा वो मानव तस्करी, हथियार और नशीली दवाओं की तस्करी में भी शामिल था।
क्यों हुई मुफ्ती शाह मीर की हत्या?
मुफ्ती शाह मीर की हत्या के पीछे 2 तरह की थ्योरी सामने आ रही है। पहली थ्योरी की मानें तो ISI ने ही मीर का कत्ल करवाया है। ISI कुलभूषण जाधव के किडनैपर को मारकर सारे सबूत नष्ट करना चाहती थी। वहीं दूसरी थ्योरी की मानें तो शाह मीर की हत्या के पीछे बलूचिस्तान के विद्रोही गुटों का हाथ हो सकता है, क्योंकि उन्हें शक हो गया था कि मीर उनकी जानकारी ISI तक पहुंचाता है।
कुलभूषण जाधव केस
बता दें कि भारतीय नौसेना के रिटायर्ड ऑफिसर कुलभूषण जाधव बिजनेस के सिलसिले में ईरान गए थे। मार्च 2016 में कुछ लोगों ने उन्हें किडनैप कर लिया और उन्हें पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया। पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण जाधव को भारत का खुफिया एजेंट बताते हुए गिरफ्तार कर लिया। पाक सेना ने दावा किया कि उन्होंने कुलभूषण जाधव को जासूसी करते हुए पकड़ा है। पाकिस्तान की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुना दी। हालांकि भारत ने पाकिस्तान के इस फैसले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में चेतावनी दी और फांसी के फैसले को टाल दिया गया।