एनकाउंटर में ढेर तीनों खालिस्तानी आतंकी कौन? कहां के रहने वाले थे और पुलिस ने कैसे मार गिराए
Khalistani Terrorists Killed in Encounter: पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारे गए तीनों खालिस्तानी आतंकियों की शिनाख्त हो गई है। तीनों गुरदासपुर में पुलिस थानों पर ग्रेनेड अटैक करने के आरोपी थे। तीनों का सुराग मिलने पर घेरकर इनका एनकाउंटर किया गया।
Who Are Khalistani Terrorists Killed in Encounter: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पूरनपुर इलाके हरदोई ब्रांच नहर के पास पुलिस और खालिस्तानी आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। दोनों ओर से हुई फायरिंग में तीनों खालिस्तानी आतंकी घायल हो गए। तीनों को पुलिस घायल अवस्था में CHC पूरनुपुर ले गई, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच में ही मृत घोषित कर दिया। उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस ने मिलकर खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। DGP पंजाब गौरव यादव ने एनकाउंटर की पुष्टि की।
तीनों खालिस्तानी आतंकी पंजाब के गुरदासपुर जिले के कलानौर शहर में पुलिस थानों पर दिसंबर महीने में 2 दिन में 2 ग्रेनेड अटैक करने के आरोपी थी। पंजाब पुलिस काफी समय से तीनों को तलाश रही थी। सुराग लगने पुलिस ने तीनों को घेरकर ढेर कर दिया। तीनों खालिस्तानी आतंकियों से हथियार भी बरामद हुए। इनमें 2 AK राइफल, 2 ग्लॉक पिस्टल तथा जिंदा कारतूस शामिल हैं। आइए इन तीनों के बारे में जानते हैं कि वे कौन थे? कहां के रहने वाले थे? क्या करते थे और इन तीनों ने क्या किया था, जो पुलिस ने मार गिराया?
गुरदासपुर जिला निवासी थे तीनों खालिस्तानी आतंकी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनकाउंटर में मारे गए तीनों आतंकी गुरदासपुर जिले के ही रहने वाले थे। एक आतंकी का नाम गुरविंदर सिंह था। उसकी उम्र 25 साल थी और वह मोहल्ला कलानौर का रहने वाला था। उसके पिता का नाम गुरुदेव सिंह था। वह खालिस्तानी कमांडो फोर्स एक एक्टिव मेंबर था। दूसरे आतंकी का नाम वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि था। उसकी उम्र 23 साल और पिता का नाम रंजीत सिंह उर्फ जीता था। वह कलानौर शहर के गांव अगवान का निवासी थी। वह भी खालिस्तानी कमांडो फोर्स का मेंबर था और उनके साथ मिलकर पंजाब पुलिस पर अटैक करने की साजिशें रचता था।
तीसरे आतंकी का नाम जसन प्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह था। उसकी उम्र सिर्फ 18 साल थी और वह कलानौर शहर के ही गांव निक्का सूर का रहने वाला था। जसन भी खालिस्तानी कमांडो फोर्स का एक्टिव मेंबर था। तीनों मिलकर पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों के लिए काम करते थे। तीनों ने मिलकर गुरदासपुर जिले में 19 और 21 दिसंबर को बख्शीवाल चौकी और बंगा वडाला गांव के पुलिस थाने पर ग्रेनेड अटैक किया था।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
DGP पंजाब गौरव यादव ने एनकाउंटर की पुष्टि करते हुए बताया कि पंजाब पुलिस को आज बड़ी सफलता मिली है। पंजाब में 28 दिन में 8 ग्रेनेड अटैक हुए। पुलिस एक अटैक को विफल करने में कामयाब हुई। गुरदाससपुर में 19 और 21 दिसंबर को हुए ग्रेनेड अटैक की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) और खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) ने ली थी। पुलिस को हमला करने वाले खालिस्तानी आतंकियों की काफी समय से तलाश थी।
इस बीच मुखबिर से पता चला कि तीनों उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पूरनपुर इलाके में छिपे हैं। पंजाब पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर तीनों की लोकेशन ट्रेस की तो वह हरदोई ब्रांच नहर के पास मिली। आज सुबह दोनों जिलों की पुलिस टीमों ने इलाके की घेराबंदी की। पुलिस ने तीनों को ललकारा तो वे फायरिंग करने लगे। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की। पुलिस के सामने तीनों ज्यादा देर टिक नहीं पाए। तीनों गोलियां लगने से घायल हो गए थे, जिसने पुलिस अस्पताल ले गई, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।