पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मामले सिंध हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सिंध हाईकोर्ट ने मामले में सबूत के अभाव का हवाला देकर तीन आारोपियों को निचली अदालत से मिली उम्र कैद की सजाओं से बरी करने का फैसला सुनाया था, जबकि मुख्य आरोपी अहमद उमर शेख की मौत की सजा को सात साल कैद में बदल दिया था। चूंकि शेख 18 साल से जेल में बंद था, इसलिए उसकी सात साल की सजा को इसी में समायोजित करने का फैसला सुनाया गया था। इस आधार पर उसकी भी तत्काल रिहाई मुमकिन हो गई थी, लेकिन यह चारों रिहा होते, उससे पहले ही सिंध सरकार ने इन्हें शांतिभंग की आशंका में गिरफ्तार कर लिया। इस तरह इनकी रिहाई नहीं हो सकी थी।
सिंध हाईकोर्ट के फैसले पर अमेरिका समेत दुनिया भर में आपत्ति जताई गई थी और पाकिस्तान ने साफ कर दिया था कि इस फैसले के खिलाफ अपील होगी। सिंध सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में सिंध हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में आग्रह किया गया है कि पर्ल की हत्या के जुर्म में आतंकवाद रोधी अदालत द्वारा जिन तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी, उनकी इस सजा को बहाल किया जाए। इसी तरह मुख्य आरोपी शेख को आंतकवादरोधी अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को भी बहाल किया जाए।
सिंध के महाभियोजक फयाज शाह ने इस आधार पर शीर्ष न्यायालय में अपील दायर की कि ”अंतिम बार देखने संबंधी साक्ष्य, वेष बदलना और पहचान परेड” आरोपियों के खिलाफ साबित हुई। इसके अलावा अपील में कहा गया है कि पत्रकार की हत्या करते हुए दिखाने वाले वीडियो की एक सरकारी अधिकारी ने पुष्टि की थी और इसे कभी चुनौती नहीं दी गई।
अपील में कहा गया है कि आरोपी अभियोजन द्वारा पेश किए गए सबूतों के खिलाफ कोई शक पैदा करने वाली सामग्री पेश करने में नाकाम रहे। इसके अलावा रिमांड के दौरान सह-आरोपियों ने निचली अदालत के न्यायाधीश के समक्ष अपना दोष स्वीकार कर लिया था। अपील में कहा गया है कि अत: यह साबित होता है कि सभी आरोपियों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से अपराध को अंजाम दिया और वे पर्ल की हत्या समेत सभी अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं।
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो के प्रमुख 38 वर्षीय पर्ल का उस समय अपहरण किया गया और उनका सिर कलम कर दिया गया था, जब वह देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई और अल-कायदा के बीच कथित संबंधों की पड़ताल करने वाली एक खबर के सिलसिले में 2002 में पाकिस्तान आए थे।
Source :- Hindustan