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JNU violence: हिंसा के दिन हाथ में डंडे पकड़ी नकाबपोश लड़की कौन है, पुलिस ने किया खुलासा

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JNU violence: हिंसा के दिन हाथ में डंडे पकड़ी नकाबपोश लड़की कौन है, पुलिस ने किया खुलासा

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकाब पहने चेक शर्ट में हिंसा करने पहुंची छात्रा की पहचान कर ली है। दिल्ली पुलिस ने रविवार को उस लड़की की पहचान कर ली है, जो 5 जनवरी की शाम गुडों के बीच हाथ में डंडे लिए दिखाई दी थी। तीन जनवरी से पांच जनवरी की घटना की जांच में शामिल एसआईटी के अधिकारियों ने कहा कि हम सोमवार को लड़की को नोटिस जारी करेंगे और दो अन्य नकाबपोश लड़कों की पहचान के लिए जांच में शामिल होने के लिए कहेंगे।

नकाब में दिखने वाली यह छात्रा दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलराम कॉलेज की है। विश्वविद्यालय में कैंपस में हुई हिंसा और मारपीट के बाद मिले सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियों में यह लड़की हाथ में डंड लिए दिखाई दी थी। छात्रा ने चेहरे पर नकाब लगा रखा था। इसके साथ दो अन्य लड़के भी नकाब में दिखे थे, जिसकी पहचान पुलिस अभी तक नहीं कर पाई है। यह जानकारी एसआईटी को हेड कर रहे डिप्टी पुलिस कमिश्नर जॉय टिरकी ने दी है।

जेएनयू के छात्र और शिक्षक आरोप लगाते रहे हैं कि यह लड़की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य है, मगर एसआईटी अधिकारियों ने उसके राजनीतिक संबंध पर कमेंट करने से इनकार कर दिया है।

इसके अलावा, जेएनयू हिंसा की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सात और लोगों की पहचान की है। इन नए लोगों के साथ ही पुलिस अबतक 55 लोगों की पहचान कर चुकी है, जो जांच की जद मे हैं। इन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया है। जांच में जुटी टीम इससे पहले पक्ष रखने के लिए जेएनयू अध्यक्ष को बुला चुकी है, जिन्होंने पुलिस के सामने अपनी बात और शिकायत रखी थी।

वहीं, एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में शामिल छात्र सहित दो अन्य को भी पुलिस ने जांच के लिए बुलाया है। पुलिस का कहना है कि जो तथ्य हमारे सामने आएंगे, उसे जांच में शामिल किया जाएगा। हालांकि, एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अभी जांच प्रारंभिक स्तर पर है, लिहाजा पूछताछ के दायरे में अभी और कई लोग आ सकते हैं।

ग्रुप के 44 लोग पहचाने : जांच में जुटी एसआईटी ने कथित रूप से हिंसा की साजिश के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट के 60 में से 44 लोगों की पहचान कर ली है। क्राइम ब्रांच ने इन सभी को नोटिस भेजकर जांच के लिए बुलाया है। स्टिंग में दिखाई देने वाले जेएनयू के छात्र अक्षत अवस्थी के अलावा छात्र रोहित शाह को भी जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। अक्षत अवस्थी के हमले का हिस्सा होने की बात का खुलासा हुआ था।

23 सदस्यों ने मोबाइल बंद किए : पुलिस के अनुसार, शुरुआती नोकझोक के बाद हिंसा के लिए बनाए गए ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े 23 लोगों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए हैं। वहीं, कुछ घटना के बाद ही ग्रुप छोड़ चुके हैं।

सर्वर तोड़े जाने के कारण नहीं मिली फुटेज
पुलिस ने सर्वर रूप में तोड़फोड़ किए जाने के कारण वहां लगे सीसीटीवी काम नहीं करने की बात कही है। इस कारण पुलिस को मौके से घटना से जुड़ा कोई भी फुटेज हासिल नहीं हो सका है। वहीं, मुख्य द्वार को छोड़ परिसर में कोई कैमरा नहीं है, इस कारण अन्य जगहों की फुटेज भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में वायरल तस्वीर व वीडियो के माध्यम से अन्य आरोपियों की पहचान और तलाश जारी है। वहीं, सर्वर रूम में तोड़फोड़ किए जाने के आरोपों को जेएनयू छात्रसंघ ने खारिज किया है। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा है कि 4 और 5 जनवरी को उसी सर्वर से कई ई-मेल भेजे गए हैं।

Source-HINDUSTAN

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