JDU सांसद के ‘मुस्लिम-यादव’ वाले बयान के समर्थन में उतरे गिरिराज सिंह, सियासत तेज
बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने सीतामढ़ी से जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर को यह बहुत देर से याद आया, लेकिन मैं तो यह सब 2014 से झेल रहा हूं.
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों के बाद, बिहार में एक बार फिर से हिंदू-मुस्लिम राजनीति ने जोर पकड़ लिया है. नेताओं के बीच बयानबाजी और विवादों का दौर शुरू हो गया है. इस बार चर्चा का केंद्र जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का बयान बना, जिन्होंने खुले मंच से यादव और मुसलमानों का काम नहीं करने की बात कही. इस बयान ने सियासी माहौल को गरमा दिया है और अब भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने इस बयान का समर्थन किया है.
गिरिराज सिंह का समर्थन और बयान
आपको बता दें कि बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने सीतामढ़ी से जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर को यह बहुत देर से याद आया, लेकिन मैं तो यह सब 2014 से झेल रहा हूं. उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि मस्जिद और मदरसे के द्वारा समाज को तोड़ने के लिए जहर बोया जा रहा है. ये लोग देश को गजवा-ए-हिंद बनाना चाहते हैं.”
सनातन हिंदू जागरण यात्रा की शुरुआत
गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि उनकी सरकार किसी से भेदभाव नहीं करती है, लेकिन मुस्लिम समाज एनडीए उम्मीदवार को हराने के लिए पूरी ताकत लगाते हैं. उन्होंने घोषणा की कि वह जल्द ही सनातन हिंदू जागरण यात्रा की शुरुआत किशनगंज से करेंगे, जो उनके अनुसार समाज में जागरूकता और एकता लाने के उद्देश्य से की जाएगी.
गिरिराज सिंह के विवादित बयान
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब गिरिराज सिंह ने विवादित बयान दिया हो. इससे पहले भी वे कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा था कि 1947 में देश के बंटवारे के बाद तत्कालीन सरकार यदि मुसलमानों को पाकिस्तान भेज देती, तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता. ऐसे बयानों ने हमेशा से सियासी माहौल को गरमाया है और धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया है.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और समाज पर प्रभाव
वहीं देवेश चंद्र ठाकुर और गिरिराज सिंह के बयानों पर विभिन्न राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न तबकों से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं. जदयू और भाजपा के नेताओं ने जहां अपने-अपने नेताओं का समर्थन किया है, वहीं विपक्षी दलों ने इन बयानों की कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस, राजद और अन्य दलों ने आरोप लगाया है कि यह बयान समाज को बांटने और ध्रुवीकरण की राजनीति करने के उद्देश्य से दिए जा रहे हैं.