Home खास खबर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारियों को 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनीवाला (अब पाकिस्तान में) में दी गई थी फांसी

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारियों को 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनीवाला (अब पाकिस्तान में) में दी गई थी फांसी

0 second read
Comments Off on भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारियों को 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनीवाला (अब पाकिस्तान में) में दी गई थी फांसी
1
374

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारियों को 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनीवाला (अब पाकिस्तान में) में दी गई थी फांसी

भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारियों को 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनीवाला (अब पाकिस्तान में) में फांसी दी गई थी। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कई युवाओं को क्रांतिकारी पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया था। इन वीर क्रांतिकारियों की याद में हर साल 23 मार्च, बलिदान दिवस या सर्वोदय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद भगत सिंह और बीके दत्त (बटुकेश्वर दत्त) ने 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे. बम फेंकने के बाद वहीं पर इन दोनों ने गिरफ्तारी दी थी. इसके बाद करीब 2 साल तक जेल में रहना पड़ा और फिर बाद भगत, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई.

इसके बाद सेंट्रल एसेंबली में बम फेंक दिया. बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं, जिसके नतीजतन उन्हें फांसी की सजा हुई थी. तीनों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर ही फांसी दे दी गई थी. जिस वक्त भगत सिंह जेल में थे, उन्होंने कई किताबें पढ़ीं थी. 23 मार्च 1931 को शाम करीब 7 बजकर 33 मिनट पर भगत सिंह और उनके दोनों साथी सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई. फांसी पर जाने से पहले वे लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे.
बताया जाता है कि असल में इन शहीदों को फांसी की सजा 24 मार्च को होनी थी, लेकिन अंग्रेज सरकार को डर लगा कि कहीं कोई फसाद न हो जाए. तब तक इन तीनों युवाओं के बारे में देश का चप्पा-चप्पा जानने लगा था और उनकी सजा को लेकर आक्रोश भी दिखने लगा था. यही कारण है कि तीनों को एक दिन पहले बगैर किसी को खबर किए रातोंरात फांसी पर चढ़ा दिया गया, तब जाकर जानकारी जेल से बाहर निकल सकी.

Load More Related Articles
Load More By Seemanchal Live
Load More In खास खबर
Comments are closed.

Check Also

पूर्णिया में 16 KG का मूर्ति बरामद, लोगों ने कहा-यह तो विष्णु भगवान हैं, अद्भुत मूर्ति देख सभी हैं दंग

पूर्णिया में 16 KG का मूर्ति बरामद, लोगों ने कहा-यह तो विष्णु भगवान हैं, अद्भुत मूर्ति देख…