28 लोगों के ‘कातिल’ ये 2 लोग; 5 कारणों से हुआ भीषण अग्निकांड, राजकोट गेम जोन हादसे की जांच में बड़ा खुलासा
गुजरात के राजकोट में TRP गेम जोन में हुए भीषण अग्निकांड के दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तीसरा आरोपी वेल्डिंग करने वाला फरार है। कुछ अन्य कर्मियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
गुजरात के राजकोट में TRP गेम जोन में लगी आग में 12 बच्चों समेत 28 लोग जिंदा जलकर मर गए, इसकी वजह 2 लोग हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के नाम युवराज सिंह सोलंकी और नितिन जैन हैं। युवराज गेम जोन का मालिक है और नितिन मैनेजर था, जो लोगों की जान बचाने की बजाय अपनी जान बचाकर भाग गया था। वहीं युवराज ने गेम जाने तो शुरू किया, लेकिन फायर NOC लेने में लापरवाही बरती।
तीसरा आरोपी वेल्डिंग का काम करने वाला राहुल राठौड़ है, जो लकड़ियां और प्लाई के टुकड़ों के पास बैठकर वेल्डिंग कर रहा था। वह अपनी जान बचाकर भाग गया, लेकिन 28 लोग इनकी वजह से जिंदा जल गए। राहुल फरार है, IG अशोक कुमार यादव ने उसे हर हाल में तलाश लाने के आदेश पुलिस टीमों को दिए हैं। वहीं प्रदेशभर के वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से भी इनकार कर दिया है। इसे लेकर उन्होंने नोटिस जारी करके ऐलान किया। साथ ही आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
गेम जोन में अग्निकांड के कारण
- गेम जोन जिस बिल्डिंग में बना था, वह टीन और फाइबर का बना था, जिसने आग पकड़ ली।
- एग्जिट का एक ही रास्ता था। इमरजेंसी गेट और वेंटिलेशन नहीं होने से लोगों की जान गई।
- छुट्टी का दिन था और 99 रुपये में एंट्री की स्कीम के कारण ज्यादा लोग गेम जोन में आए थे।
- गेम जोन में वेल्डिंग का काम चल रहा था, जिसकी चिंगारी भड़कने से सिलेंडर ब्लास्ट हुआ।
- गेम जोन के अंदर गो रेसिंग कार चलाने के लिए करीब 5 हजार पेट्रोल और डीजल भी था।
- आग लगते ही जान बचाकर मैनेजर, कर्मचारी भाग गए। लोगों को कोई गाइड नहीं कर पाया।
- बेहोश हो चुके लोगों को बाहर निकालने के लिए फायर कर्मी अंदर नहीं जा पाए, वे जिंदा जल गए।
- रबड़ ओर रेक्सिन के फर्श, टायरों और शेड में लगे थर्मोकोल शीटों ने गेम जोन को भट्ठी बना दिया था।
DNA सैंपल जांच के लिए भेजे गए।
IG अशोक कुमार यादव ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने TRP गेम जोन का DVR जब्त किया है, जिसमें वेल्डिंग से चिंगारी भड़कने से आग लगने की फुटेज मिली है। चिंगारी की वजह से लकड़ियां सुलगीं और आग लग गई। मारे गए लोगों के 25 DNA सैंपल जांच के लिए गांधीनगर की लैब में भेज दिए हैं, जिनकी रिपोर्ट अगले 2 दिन में जाएगी। शवों को एम्स के कोल्ड स्टोरेज में रखा है, कुछ लाशें सिविल अस्पताल में रखी हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी घायलों से मिलने राजकोट एम्स पहुंचे। उन्होंने मृतकों के लिए 4-4 लाख और घायलों के लिए 50 हजार मुआवजे का ऐलान किया है।