चिकन खाने वाले सावधान! फिर से दस्तक दे चुका है बर्ड फ्लू
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के कुछ भागों में बर्ड फ्लू का खतरा देखने को मिल रहा है। जिला प्रशासन ने 3 महीने के लिए मुर्गियों की बिक्री पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा 3 दिन तक चिकन की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। आखिर बर्ड फ्लू कैसे फैलता है और इसके लक्षण कैसे दिखते हैं, आइए जानें।
अगर आपको चिकन खाना पसंद है या किसी पक्षी के आस पास रहते हैं, तो जरा संभल जाएं। हाल ही में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में बर्ड फ्लू के मामले अचानक से सामने आए हैं, जिससे पशुपालकों में चिंताएं बनी हुई हैं। बर्ड फ्लू जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) भी बोला जाता है, एक वायरस की वजह से होने वाली बीमारी है।
एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों में मिलती है, लेकिन ये इंसानों में भी फैल सकती है। बर्ड फ्लू की वजह इन्फ्लूएंजा वायरस के विशेष स्ट्रेन होते हैं, जो नेचुरल रूप से जंगली पक्षियों में पाए जाते हैं। आइए जान लेते हैं बर्ड फ्लू के लक्षणों और इसके साथ ही बचाव के उपाय क्या कर सकते हैं।
बर्ड फ्लू क्या होता है?
एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू, एवियन (Bird) इन्फ्लूएंजा (Flu) प्रकार A वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है। ये वायरस दुनिया भर में जंगली एक्वेटिक बर्ड में फैलती है और घरेलू पोल्ट्री और अन्य पक्षी और पशु प्रजातियों को संक्रमित कर सकते हैं।
बर्ड फ्लू के लक्षण
- बुखार आना
- खांसी होना
- गले में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द होना
- कभी-कभी लूज मोशन होना
- वोमिटिंग होना
बचाव के उपाय
साफ-सफाई
अगर आपके पास पक्षियों का झुंड है, तो अपने हाथों को साफ करना न भूलें। अच्छे से वॉश करें। खासकर
पक्षियों से दूरी बनाएं
संक्रमित पक्षियों से दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा उनके मल या डिस्चार्ज के संपर्क में आ जाते हैं।
पका खाना खाएं
पोल्ट्री और अंडे को अच्छे से पकाकर खाएं। अगर आप हाई टेंपरेचर पर कुछ गर्म करते हैं, तो वायरस मर जाते हैं।
अवेयरनेस रखना
पक्षी इन्फ्लूएंजा के बारे में सही जानकारी रखनी चाहिए।
पोल्ट्री फार्म
अगर आपके आसपास के इलाके में बर्ड फ्लू का असर फैल रहा है, तो सबसे पहले पोल्ट्री फार्म पर जाने से बचें और दूरी बनाएं।
बर्ड फ्लू इंसानों को कैसे हो सकता है?
संक्रमित पक्षियों की लार, म्यूकस और मल में एवियन फ्लू के वायरस मौजूद होते हैं। मनुष्यों का एवियन फ्लू वायरस से संपर्क तब होता है, जब कोई वायरस वाली चीज को टच करता है और फिर अपनी आंखें, नाक या मुंह को टच करता है। यह वायरस हवा में मौजूद बूंदों या डस्ट से भी फैल सकता है।