आत्महत्या करने से पहले कमरे में लिखा “I quit”
आई आई टी गांधीनगर की रिसर्च स्कॉलर पीयु घोष, जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में प्रोफेसर अरूप लाल चक्रबोर्ती के दिशा निर्देश में पी एच डी कर रही थी, ने बीते 4 जुलाई को संस्थान के ही अंदर स्थित परिसर के अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। पीयू घोष ने आत्महत्या करने से पहले अपने कमरे की दीवार पर “I quit” लिखा था। कहा जा रहा ही की पीयु घोष पर उनके काम का बहुत दबाब था।
इससे पहले जॉइंट रिसर्च कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया के प्रतिनिधियों ने पीयु घोष के परिवार से संपर्क करके बताया था की उनकी रिसर्च वर्क खत्म होने वाली है और उनकी पी एच डी पूरी होने वाली है। लॉक डाउन की वजह से पीयु घोष अपने पैतृक घर पर थी। गाइड द्वारा बुलाये जाने पर पीयू घोष वापस आई आई टी आई थी अपने काम को पूरा करना।
पीयू घष के आत्महत्या की खबर उनके परिवार को संस्थान द्वारा दो दिन बाद दी गयी। पीयू घोष इसी महीने अपनी शादी की सालगिरह मानाने वाली थी। उनके पति फिलहाल यु एस में है।
पीयू घोष के परिवार का कहना है की, पीयू पर उनके गाइड और संस्थान द्वारा काफी दवाब बनाया जा रहा था। परिवार वालों का कहना है की पीयू ने ये कदम सिर्फ और सिर्फ काम के दवाब के चलते उठाया है।
प्रमुख शैक्षणिक संस्थान में ऐसे न जाने कितने घटनाएं हुए है जिसकी जांच भी ढंग से नहीं की जाती है। फिलहाल जॉइंट रिसर्च कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पीयू घोष के इस आत्महत्या के केस की शीघ्र जांच की मांग की है।