Jehanabad:
‘आइए ना हमरा बिहार में.. ठोक देंगे गोली कपार में’ और ‘बिहार में का बा’ जैसे सवालों का जवाब अब बिहार पुलिस खुद ही दी रही है. कारस्तानियां ऐसी-ऐसी की जो भी सुन रहा है हैरान हो जा रहा है. अगर आप बिहार में हैं तो थोड़ा सावधान रहें क्योंकि यहां कि पुलिस यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर सामने वाले को गोली मार देती है. जी हां! सुनकर आपको अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन ये सच है. इस तरह की एक घटना जहानाबाद से सामने आई है. यहां एक युवक के पास ड्राइविंग लाइसेंस और हेलमेट नहीं था तो वह अपनी गाड़ी पुलिस से बचाकर भागने लगा. थानेदार साहब को इतना गुस्सा आ गया कि उन्होंने युवक का फोटो वाहन के साथ खीचकर ई-चालान करने की जगह उसे दौड़ा लिया और गोली मारी दी.
क्या है मामला?
जिले के ओकरी थाना के थानेदार चंद्रहास कुमार पर एक युवक को गोली मारने का आरोप लगा है. पीड़ित युवक के पिता द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘ओकरी थाने के थानाध्यक्ष चंद्रहास कुमार और उनके हमराहियों द्वारा अनंतपुर गांव के पास बैरीकेटिंग करके वाहनों के चेकिंग की जा रही थी. इसी दौरान मेरा बेटा सुधीर वहां से गुजर रहा था. उसने ना तो हेलमेट लगा रखा था और ना ही उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस था. मेरा बेटा पुलिस को देखकर भागने लगा. थानाध्यक्ष ने उसका पीछा किया और फिर गोली मार दी.
घायल युवक को अस्पताल में कराया गया भर्ती
थानेदार की गोली का शिकार हुए युवक सुधीर कुमार को इलाज के लिए आनन-फानन में नालंदा जिले के एक निजी अस्पताल में परिजनों द्वारा भर्ती कराया गया. डॉक्टरों द्वारा गोली निकाल दी गई है लेकिन अभी भी युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है.
एसपी ने दिए जांच के आदेश
थानेदार के इस कृत की आलोचना पूरे जिले में हो रही है. खाकी पर एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं. वहीं, मामले की जानकारी मिलने पर एसपी दीपक रंजन ने घोसी सर्किल इंस्पेक्टर और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार पांडेय को मौके पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया गया है.
-चालान करने की बजाय मारी गोली
अक्सर ऐसी परिस्थितियां पुलिस के सामने आ जाती हैं कि कोई पुलिस से छिपकर भागने का प्रयास करता है. वाहन चेकिंग के दौरान अगर ऐसा कोई करता है तो पुलिस उसे अपने इगो पर नहीं लेती. बस उसके भागते हुए का फोटो खीचकर वाहन नंबर ई-चालान एप्लीकेशन में भरकर ई-चालान कर देती है, ना कि गोली मारती है. युवक सुधीर कुमार द्वारा जो अपराध किया गया था उसका सिर्फ जुर्माना ही वसूला जा सकता था और ई-चालान के जरिए चालान किया जा सकता था.