आला अधिकारियों की मौज़ूदगी में रात ढाई बजे जला दिया गया। गैंगरेप की पीड़िता के मृत शरीर
हाथरस में गैंगरेप की पीड़िता के मृत शरीर को जिला पुलिस के आला अधिकारियों की मौज़ूदगी में रात ढाई बजे जला दिया गया।
उसके परिजन और गांव के लोग शव को घर ले जाने और सुबह तक इंतज़ार कर लेने की मांग करते रहे लेकिन उनकी एक बात नहीं सुनी गई।
यह रिपोर्ट मौके पर मौजूद दिल्ली की पत्रकार तनुश्री पांडेय ने देते हुए तमाम वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किये हैं।
पुलिस के मुताबिक़ पोस्टमार्टम की जो रिपोर्ट है, उसमें बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है, न लड़की की जीभ काटने की पुष्टि हुई है और न उसकी रीढ़ की हड्डी टूटने की पुष्टि हुई है!
आख़िर ऐसी क्या जल्दबाज़ी थी कि किसी को मृतका का शव तक नहीं देखने दिया गया और रात को ही शव जला दिया गया? क्या हिन्दू धर्म के नियम उस लड़की पर लागू नहीं होते कि रात को शव नहीं जलाया जाता?
उसे गरिमामयी ज़िन्दगी नहीं दे सके तो कम से कम सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार करने का हक तो दे सकते थे? इस सरकार ने वह भी नहीं दिया।