बाढ़ पीड़ित सामुदायिक किचन को शरणस्थली के रूप में किया जाएगा विकसित: विकसित
बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ खोले गए दो पशु राहत शिविर व एक मानव शरणस्थली
कोरोना टेस्ट सहित अन्य चिकित्सीय सुविधाओं से लैस होगा शरणस्थली
गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर व बाढ़ की अनियंत्रित होती स्थित के मद्देनजर तेघरा डीसीएलआर मनोज कुमार के साथ स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की टीम नें दियारा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान भुमि सुधार उपसमाहर्ता श्री कुमार नें बताया कि दियारा इलाके में जैसे जैसे जलस्तर की वृद्धि हो रही है, लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही है। लोगों के बढ़ते परेशानी के मद्देनजर वर्तमान स्थिति का अवलोकन कर तत्काल मऊ शेरपुर गांव के समीप दो बाढ़ पीड़ित पशु राहत शिविर व विद्यापतिनगर 10 नंबर ढाला के समीप एक बाढ़ पीड़ित मानव शरणस्थली बनाई गई है। डीसीएलआर नें बताया कि पशु राहत शिविर में पशुपालक किसान अपने आधारकार्ड की छाया प्रति के पशुओं के प्रकार एवं गिनती के साथ राहत शिविर में रखेंगे। जहां समुचित रूप से पशु चारे की व्यवस्था प्रशासनिक तौर पर किया जाएगा। बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए जाने वाली सामुदायिक किचन को पुर्व के वर्षों के अपेक्षा शरणस्थली के रूप में विकसित किया गया है। मानव शरणस्थली में बाढ़ पीड़ितों के सिर्फ भोजन ही नहीं बल्कि उन्हें वहां सपरिवार रहने, खाने एवं सोने के साथ अस्थाई शौचालय की भी समुचित व्यवस्था रहेगी। शरणस्थली में आने वाले बाढ़ पीड़ितों के लिए कोरोना संक्रमण से रोकथाम की भी पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। सभी शरणार्थियों का कोरोना एंटीजेन टेस्ट भी कराया जाएगा। शरणस्थली में बहाल स्वास्थ्य सेवा में अन्य प्रकार के बिमारियों के इलाज का प्रबंध किया जा रहा है।
तत्पश्चात प्रखंड मुख्यालय पर पहुंच कर पदाधिकारियों से साथ बैठक कर बाढ़ से संबंधित आपसी विचार-विमर्श के बाद कई आवश्यक निर्देश दिया। इस दौरान डीसीएलआर नें बताया कि बाढ पीडितों की तादाद बढ़ने के साथ साथ पशु राहत शिविर व मानव शरणस्थली की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। मौके पर बीडीओ पूजा कुमारी, सीओ नेहा कुमारी एएसआई अरविन्द कुमार सुमन समेत अन्य आरक्षी बल मौजूद थे।