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जानिए चक्रवात बिपरजॉय से गुजरात में कितना हुआ नुकसान? नहीं गई किसी की जान

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जानिए चक्रवात बिपरजॉय से गुजरात में कितना हुआ नुकसान? नहीं गई किसी की जान

 

कच्छ और सौराष्ट्र में ज्यादातर इलाके पानी में डूब गए. सरकार का दावा है कि चक्रवात बिपरजॉय से राज्‍य में किसी की मौत नहीं हुई. हालांकि इससे 23 लोग घायल जरूर हुए हैं. चक्रवार बिपरजॉय से काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल

 

असर सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुरुवार देर रात गुजरात तट से कराया. उसके बाद राज्य के कई इलाकों में भारी लैंडफॉल देखने को मिला. इस चक्रवात ने गुजरात में जमकर तबाही मचाई, लेकिन राहत की बात ये रही कि इस दौरान किसी की जान नहीं गई. चक्रवात बिपरजॉय से सबसे ज्यादा नुकसान सौराष्ट, कच्छ और मोरबी जैसे तटवर्तीय इलाकों में हुआ है. जहां सैकड़ों पेट टूट कर गिर गए और बिजली के सैकड़ों खंभे धरासाई हो गए. हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा और तमाम ट्रेनों को रद्द करना पड़ा. सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा वायु सेना, नौसेना को भी लगाया गया. जिससे आपदा के नुकसान को कम किया जा सके. चक्रवात बिपरजॉय के गुजरात तट से टकराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और बिपरजॉय और लैंडफॉल के बाद राज्य की स्थिति का जायजा लिया.

भारी बारिश के चले कच्छ और सौराष्ट्र में ज्यादातर इलाके पानी में डूब गए. सरकार का दावा है कि चक्रवात बिपरजॉय से राज्‍य में किसी की मौत नहीं हुई. हालांकि इससे 23 लोग घायल जरूर हुए हैं. चक्रवार बिपरजॉय से काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवाओं के चलते करीब 800 मड हाउस तबाह हो गए और बिजली व्यवस्था चरमरा गई है. सड़कों पर गिरे पेड़ों से यातायात अवरुद्ध हो गया. फिलहाल असल नुकसान का अंदाजा नहीं है. जब पानी घटेगा तब पूरे नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकेगा.

तूफान में टूट गए बिजली के 5120 खंभे, 600 पेड़ उखड़े

अधिकारियों के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय के चलते राज्य बिजली उपयोगिता पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड को 5,120 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने के कारण व्यापक वित्तीय नुकसान हुआ है. पीटीआई के मुताबिक, इससे कम से कम राज्य के 4,600 गांवों की बिजली गुल हो गई. हालांकि रात तक 3,580 गांवों में फिर बिजली आपूर्ति बहार कर दी गई है. चक्रवात के चलते राज्य में कम से कम 600 पेड़ उखड़ गए हैं. साथ ही तीन राजमार्गों में टूट-फूट तथा पेड़ गिरने से यातायात बाधित हुआ है. इसके अलावा चक्रवाती तूफान से जुड़ी घटनाओं में करीब 23 लोग घायल हुए हैं और कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

रेल यातायात पर भी पड़ा चक्रवात बिपरजॉय का असर

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय के चलते राज्य में 101 ट्रेनों को रद्द किया गया. जबकि 42 ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है. वहीं यात्रियों की सुरक्षा और चक्रवात बिपरजॉय की शुरुआत में 39 ट्रेनों को एहतियात शॉर्ट-ऑरजिनेट करना पड़ा.

कच्च जिले में 40 फीसदी गांवों की बिजली गुल

एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल के मुताबिक, राज्य में लगभग 1,000 गांवों में बिजली की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें अकेले 40 प्रतिशत अकेले कच्छ जिले के हैं. क्योंकि कच्छ जिले को ही सबसे ज्यादा चक्रवात की मार झेलनी पड़ी.

कई जानवर और पक्षियों की मौत

गुजरात में आए इस चक्रवात से कई पालतू और जंगली जानवरों की मौत भी हुई है. हालांकि इसका अभी तक सटीक आंकड़ा प्राप्त नहीं हुआ है. उधर गिर के जंगल में एक खुले कुएं में गिरे शेर के दो शावकों को बचा लिया गया. गिर के पूर्वी डिवीजन में तैनात एक टीम ने दोनों शावकों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया. दरअसल, गुरुवार शाम बिपरजॉय लैंडफॉल के दौरान दोनों शावक अपनी मां से बिछड़ गए थे और उसके बाद दोनों खुले कुएं में गिर गए. सरकार ने गिर वन और कच्छ जिले में 200 से अधिक टीमों को तैनात किया था. मिली जानकारी के मुताबिक, द्वारका, जामनगर और कच्‍छ में 450 से ज्‍यादा पक्षियों की मौत हुई है. सड़कों पर भी कुछ पक्षी मृत पाए गए हैं.

एक्सपर्ट्स का दावा है कि पिछले 60 साल में जून के महीने में गुजरात तट से टकराने वाला ये तीसरा तूफान है. विशेषज्ञों का कहना है कि आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव का संकेत दे रही है.

जखाऊ पोर्ट पर सैकड़ों नावें नष्ट

गुजरात के जखाऊ पोर्ट पर इस तूफान से भारी नुकसान हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां 522 बोट्स थीं जिनमें से 452 नष्ट हो गई हैं. नुकसान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले कच्छ में ही 33,000 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हो गई है.

सात जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त

बता दें कि चक्रवात के चले गुजरात के सभी बंदरगाहों को बंद कर दिया गया है. राज्य के 7 जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया है. जिससे व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ा है. गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक,  5000 करोड़ रुपये का कारोबार थम गया है. वहीं कच्छ में 5 लाख टन नमक के बारिश में बह जाने की खबर है.  बता दें कि मोरबी में एशिया का सबसे बड़ा सिरेमिक क्‍लस्‍टर बंद हो गया है. कांडला और मुंद्रा पोर्ट जाने वाले करीब 10,000 ट्रक रास्‍ते में इधर-उधर खड़े हुए हैं.

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