
भ्रष्टाचार बनाम शिष्टाचार
मामला पूर्वी चंपारण शिक्षा विभाग का
प्रदीप कुमार नायक
पूर्वी चंपारण : मामला पूर्वी चंपारण मोतिहारी के जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का है ।यहां उच्च अधिकारी के द्वारा दिए गए आदेशों को कर्मचारियों ने मज़ाक बना कर रख दिया है। हम ऐसा इसलिए कह रहें है की लिपिक गौरीशंकर महतो जिन्हे नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र जॉच हेतु निगरानी संभाग प्रभारी प्राधिकृत किया गया था। उन्होंने गैर जिम्मेदाराना तरीके से वरीय पदाधिकारी के आदेशों की अवहेलना करते हुए इस कार्य में उन्होंने सदैव असहयोगात्मक रवैया अपनाया। गौरीशंकर महतो की स्वेच्छाचारिता से डी.पी.ओ स्थापना क्षुब्ध होकर क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को पत्रांक 622 दिनांक 20/02/2021 को विभागीय पत्र भेजा।
डी पी ओ ने आर डी डी को लिखा पत्र
डी पी ओ (स्थापना) ने लिपिक गौरी शंकर महतो को ऐसे महत्वपूर्ण कार्य में लापरवाह रवैया को देखते हुए करवाई के लिए क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को ज्ञापन-2123 दिनांक 25.05.2021 द्वारा श्री महतो को विषयोक्त कार्य समय पूरा करने का आदेश दिया गया था कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं देखते हुए उन्हें दूरभाष पर बार-बार स्मारित किया गया,पृच्छा करने के बावजूद ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना उनके कार्य प्रणाली को संदिग्ध सिद्ध करता है। लिपिक के वाटसऐप नंबर पर कार्यालय के द्वारा दिनांक 27. 05.2021 एवं दिनांक 28.05.2021 को सचिका को उपस्थापित करने का निर्देश देने के बावजूद अपेक्षित सहयोग नहीं करने की स्थिति में के पत्रांक-2132 दिनांक 01.06.2021 द्वारा उन्हें चेतावनी भी दी गई, फिर भी उनके क्रियाकलाप में कोई सुधार नहीं होने की स्थिति में स्थापना प्रभारी के द्वारा बार बार स्मारित किया जाता है . उन्हे प्रति दिन उपस्थित रहकर डाटा अपलोड कराने का आदेश दिया गया लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण कार्य में अपेक्षित सहयोग नहीं किये है। उनका यह कृत अत्यंत लापरवाही अवज्ञा एवं कर्मचारी आचार संहिता के प्रतिकूल है। उनके इन कृत्यों के लिए कार्यालीय पत्रांक-1913 दिनांक-05.06.2020 एवं पत्रांक- 109 दिनांक 18.01.2021 द्वारा उनसे कारण पृच्छा की जा चुकी है लेकिन उनके द्वारा संतोषजनक उत्तर नही दिया गया है।इस संबंध में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक तिरहुत प्रमंडल मुजफ्फरपुर को पत्रांक 022 दिनांक-20.02.2021 द्वारा संज्ञान में देते हुए कार्रवाई हेतु आग्रह किया जा चुका है।
आर डी डी ने लिपिक को पाया दोष
उपनिदेशक ने उस पत्र के आलोक में गौरीशंकर महतो को पत्रांक 675 दिनांक 18/06/2021 को एक पत्र जारी किया जिसमें गौरीशंकर महतो को 3 दिनों के अंदर में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया । किन्तु आज तक न तो उन्होंने स्पष्टीकरण क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय को सुपुर्द किया और ना ही विभाग के द्वारा उन पर कोई कारवाई किया गया।
कई गभीर आरोप है लिपिक पर
उनपर ऐसे कई आरोप है जिनसे उन्हे दबंग लिपिक कहने में कोई झिझक नहीं है। दबंग लिपिक गौरी शंकर महतो के ऊपर 1914 नियोजित शिक्षकों की फाइल हेरा फेरी एवं फर्जी शिक्षको के वेतन भुगतान का भी आरोप है।उनके ऊपर असमय कार्यालय आने का भी गंभीर आरोप है।
ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि इसकी गवाही दे रहा है शिक्षा विभाग स्थापना पूर्वी चम्पारण एवं क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय से निर्गत पत्र । ऐसे गंभीर आरोप होने के बौजूद गौरीशंकर महतो का पद पर बने रहना विभागीय उदासीनता एवं लापरवाही को दर्शाता है। इससे साबित होता है कि क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के कार्यालय और शिक्षा विभाग के अधिकारी के बीच मिलीभगत का खेल चल रहा है।लगता हैं कि यहां भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार बन गया हैं।