कोरोना संकट के बीच चीन का एक और घटिया चेहरा सामने आया है। अमेरिका का दावा है कि चीन पीपीई किट की जमाखोरी कर उसे महंगे दाम में बेच रहा है। व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया है कि अमेरिका के पास इस बात के ‘सबूत हैं कि जनवरी और फरवरी में चीन ने 18 गुना अधिक मास्क और निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) मंगाए थे जिसे अब वह ऊंची दरों पर बेच रहा है।’
पूरी दुनिया से पीपीई किट जमा कर लिया चीन
व्हाइट हाउस व्यापार एवं उत्पादन निदेशक, पीटर नवारो ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत और ब्राजील समेत कई देशों के पास पर्याप्त पीपीई नहीं है क्योंकि बीजिंग उनकी जमाखोरी कर रहा है। नवारो ने एक साक्षात्कार में फॉक्स बिजनेस से कहा, ‘चीन ने वायरस की जानकारी छिपाते हुए पूरी दुनिया से सभी निजी सुरक्षात्मक उपकरणों को जमा करके रख लिया।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे पास सीधे चीन सरकार के सीमा शुल्क संघ से साक्ष्य हैं जो दिखाते हैं कि जनवरी और फरवरी के महीने में उन्होंने 18 गुना अधिक मास्क खरीदे थे।’ उन्होंने कहा, ‘उनके पास दो अरब से ज्यादा मास्क थे। उन्होंने चश्मे और दस्तानों दोनों के अपने खर्च को बढ़ा दिया।’
जमाखोरी कर ऊंची कीमत में बेच रहा
नवारो के मुताबिक यूरोप, भारत, ब्राजील और अन्य देशों के पास पर्याप्त पीपीई नहीं है क्योंकि ‘चीन इसकी जमाखोरी’ कर रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘चीन न सिर्फ इसकी जमाखोरी कर रहा है बल्कि इसे ऊंची कीमतों पर भी बेच रहा है। वे दुनिया को इसे निर्लज्जता से अत्यधिक कीमतों पर वापस बेच रहा है।’
नवारो ने कहा कि ऐसी बातों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि कोई भी देश, जो अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सा होने का दावा करता है उसके लिए इस तरह से बर्ताव करना ठीक नहीं है। बता दें कि कोरोना वायरस का जो कहर अभी दुनियाभर में दिख रहा है, उसका केंद्र चीन ही है, जहां उसके वुहान शहर से यह फैला।
Source :- Hindustan