Home खास खबर Chandrayaan-4 के लिए जबरदस्त प्लान; इसरो पहली बार करेगा ऐसा कारनामा, भारत रचेगा बड़ा इतिहास

Chandrayaan-4 के लिए जबरदस्त प्लान; इसरो पहली बार करेगा ऐसा कारनामा, भारत रचेगा बड़ा इतिहास

11 second read
Comments Off on Chandrayaan-4 के लिए जबरदस्त प्लान; इसरो पहली बार करेगा ऐसा कारनामा, भारत रचेगा बड़ा इतिहास
0
62

Chandrayaan-4 के लिए जबरदस्त प्लान; इसरो पहली बार करेगा ऐसा कारनामा, भारत रचेगा बड़ा इतिहास

 

 चंद्रयान-4 को लॉन्च करने की तैयारी चल रही है। इसरो ने लॉन्चिंग के लिए खास प्लान बनाया है, जिसके बाद भारत वह कारनामा कर दिखाएगा, जो आज तक किसी ने नहीं किया। इसरो चीफ ने प्लान के बारे में बताया है। आइए जानते हैं…

 

भारत अंतरिक्ष की दुनिया में एक और इतिहास रचने को तैयार है। इस बार इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में वह काम करेगा, जो आज तक किसी ने नहीं किया। जी हां, चंद्रयान-4 को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है। इसकी लॉन्चिंग के लिए इसरो तैयार है, लेकिन इस बार लॉन्चिंग अलग तरीके से होगी। प्लान तैयार है और साल 2026 तक चंद्रयान-4 को लॉन्च कर दिया जाएगा। इसरो चीफ सोमनाथ ने खुद इसके बारे में जानकारी दी और बताया कि चंद्रयान-4 के लेकर इसरो ने क्या प्लान बनाया है? आइए जानते हैं कि आखिर क्या तैयारी चल रही है?

2 बार होगी लॉन्चिंग, जापान में बन रहा रोवर

इसरो चीफ ने बताया कि चंद्रयान-4 को 2 हिस्सों में लॉन्च किया जाएगा। दोनों हिस्सों को लॉन्च करने के बाद उन्हें अंतरिक्ष में ही जोड़ा जाएगा। अगर इसरो अपने इस प्रयोग में सफल हुआ तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा। चंद्रयान-4 का लैंडर इसरो बना रहा है और इसका रोवर जापान में बन रहा है। चंद्रयान-4 चंद्रमा के शिव शक्ति पॉइंट पर लैंड होगा। चंद्रयान-3 भी इस जगह लैंड हुआ था। यही मिशन चांद की मिट्टी का सैंपल लेकर लौटेगा।

इसरो ने अपना स्पेस सेंटर ऐसे ही बनाया

इसरो चीफ ने बताया कि भारत ने स्पेस में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और कई स्पेस मिशन अंतरिक्ष में ही अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर बनाए गए थे, लेकिन किसी अंतरिक्ष यान को पहली बार स्पेस में ही जोड़कर तैयार किया जाएगा। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान इसरो चीफ सोमनाथ ने इस प्लानिंग के बारे में बताया और कहा कि अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यान बनाकर भारत चंद्रमा पर लैंडिंग से पहले ही इतिहास रच लेगा।

आज तक इस तरह डॉकिंग की जरूरत नहीं पड़ी

इसरो चीफ ने बताया कि इस बार चंद्रयान-4 के फॉर्मेशन पर खास काम किया है। मकसद सिर्फ एक है कि चंद्रमा से नमूने पृथ्वी पर कैसे लाए जाएं? इसी कोशिश के तहत इसरो ने अंतरिक्ष में ही डॉकिंग (अंतरिक्ष यान के विभिन्न भागों को जोड़ना) करने का फैसला लिया है। इस बार डॉकिंग कुछ इस तरह होगी कि अंतरिक्ष यान को पहले तैयार किया जाएगा।

फिर परिक्रमा करते हुए एक हिस्सा मुख्य अंतरिक्ष यान से अलग होकर लैंडिंग करेगा, जबकि दूसरा हिस्सा चंद्रमा की कक्षा में रहेगा। जब लैंडिंग वाला हिस्सा चंद्रमा के सैंपल लेकर बाहर निकलेगा तो वह डॉक करेगा और परिक्रमा करने वाले हिस्से से जुड़ जाएगा। इसरो को आज तक अंतरिक्ष में डॉकिंग ऑपरेशन करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी है, लेकिन स्पैडेक्स (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) इसरो की क्षमताओं को पहली बार परखा जाएगा।

 

सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव

इसरो चीफ ने बताया कि चंद्रयान-4 मिशन के प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। यह इसरो के विजन-2047 में शामिल 4 प्रोजेक्टों में से एक है। इन प्रोजेक्टों में 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर मनुष्यों को भेजना भी शामिल है।

Load More Related Articles
Load More By Seemanchal Live
Load More In खास खबर
Comments are closed.

Check Also

कटिहार : सदर अस्पताल में धराया चोर, पुलिस को सौंपा बिजली तार की कर रहा था चोरी

सदर अस्पताल में धराया चोर, पुलिस को सौंपा बिजली तार की कर रहा था चोरी कटिहार. सदर अस्पताल …