Breathe Into the Shadows 2 Review: अमित साध-अभिषेक बच्चन में दिखी टक्कर, नवीन कस्तूरिया ने लगाए ‘ब्रीद: इनटू द शैडोज 2’ में चार चांद
वेब सीरीज: ब्रीद- इनटू द शैडोज 2
प्रमुख कास्ट: अमित साध, नवीन कस्तूरिया, सैयामी खेर और अभिषेक बच्चन
निर्देशक: मयंक शर्मा
कहां देखें: अमेजन प्राइम वीडियो
क्या है कहानी:‘ब्रीद: इनटू द शैडोज 2’ की कहानी करीब करीब वहीं से शुरू होती है, जहां पहले पार्ट की खत्म हुई थी। अभिषेक बच्चन इस बार भी अविनाश और जे के दोहरे किरदार में हैं। जो पहले पार्ट में 4 लोगों को खत्म कर चुका है और इस बार वो बाकी 6 लोगों को खत्म करना चाहता है। दस इमोशन्स, जैसे रावण के 10 सिर, जिससे अविनाश (अभिषेक बच्चन) की जिंदगी पर बुरा असर पड़ा, उन्हें मारने के लिए जे (अभिषेक बच्चन) की वापसी होती है। इस बार इस काम में विक्टर (नवीन कस्तूरिया) उसकी भरपूर मदद करता है, जिसकी अपनी एक खुद की कहानी है, ऐसा करने के पीछे। वहीं पिछली बार की तरह कबीर सावंत के किरदार में अमित साध, जे को रोकना चाहते हैं और दिमाग के साथ ही इमोशन्स का भी इस्तेमाल करते हैं और अपनी नौकरी तक खतरे में डालते हैं। इन सभी के अलावा नित्या मेनन, अविनाश की पत्नी के किरदार में हैं और आखिर में एक ट्विस्ट है इनके किरदार से जुड़ा। अब क्या है वो ट्विस्ट…, जे को कबीर सावंत रोक पाता है या नहीं…, क्या है C 16…, सहित अन्य सवालों के जवाब के लिए आपको ये सीरीज देखनी होगी।
कैसी है एक्टिंग और डायरेक्शन: शुरुआत करते हैं फिल्म की कास्ट की एक्टिंग से और इस बार सब पर नवीन कस्तूरिया भारी पड़े हैं। नवीन को इससे पहले टीवीएफ के कई प्रोजेक्ट्स में देखा है, जहां वो काफी सीधे-सच्चे किरदारों में नजर आए हैं और विक्टर जैसा किरदार उनके लिए काफी अलग है। नवीन ने जिस तरह से विक्टर का किरदार निभाया है, आखिर तक वो आपके जेहन में छप जाते हैं। नवीन के बाद अमित साध भी कबीर के किरदार में पहले से अधिक जचते हैं और उन्हें देखकर समझ आता है कि वो अब इससे जुड़ गए हैं। अभिषेक बच्चन सीरीज में अविनाश और जे के दोहरे किरदार में दिखते हैं और जिस तरह से वो दोनों के बीच खुद को स्विच करते हैं, वो शुरू में बतौर दर्शक तो अच्छा लगता है, क्योंकि इससे पहले पार्ट की याद आती है, और उस में ये स्विच काफी कम देखने को मिला था लेकिन एक वक्त के बाद थोड़ा अजीब और ऊबाऊ सा दिखता है। इनके अलावा सैयामी खेर को अभी और मेहनत की जरूरत है। वेब सीरीज का निर्देशन मयंक शर्मा ने किया है और तकनीकि तौर पर उनका काम ठीक रहा है। हालांकि बेहतरी की उम्मीद थी, लेकिन बतौर ऑडियंस वो आपको बांधे रखने में कामयाब नजर आते हैं।
क्या कुछ है खास:‘ब्रीद: इनटू द शैडोज 2’ में जो बात सबसे प्यारी दिखती है, वो है इसका टेक्शचर। पूरी सीरीज को ही बेहद खूबसूरती से एक ही कलर पैलेट के साथ रखा गया है, जिससे एक फील बना रहता है। एक सस्पेंस को बाधंने और दिखाने के लिए ये काफी अहम होता है। वहीं इसका कैमरा वर्क और सिनेमैटोग्राफी पर भी अच्छा काम किया गया है, जो टेक्निकली फिल्म को मजबूत करता है। चूंकि फिल्म में एक्टर्स का भी काम अच्छा है, तो इससे ये चीज और ऊभर कर आती है। सीरीज के कुछ शॉट्स काफी अच्छे हैं। ‘ब्रीद: इनटू द शैडोज 2’को लिखा भी अच्छा गया है और कुछ मौकों पर बतौर दर्शक जो आप सोच रहे होते हैं, उससे कुछ उलट ही आपको मिलता है। सीरीज के आखिर में विक्टर की सच्चाई इसमें एक अहम ट्विस्ट है।
कहां खाई मात: वेब सीरीज में जहां कुछ अच्छा है, तो कुछ ऐसा भी है, जो खटकता है। सबसे पहले बात करते हैं सीरीज की कहानी है, कुल मिलाकर पूरी कहानी अच्छी है, लेकिन कुछ सीन्स ऐसे हैं, जो बेवजह मालूम होते हैं, जिससे सिर्फ वेब सीरीज की लंबाई बढ़ती दिखती है और जिन्हें हटाने पर सीरीज को पेस मिलता और बतौर दर्शक और भी मजा बढ़ता। यानी वेब सीरीज की लंबाई कुछ हिस्सों पर ऊबाऊ हो जाती है और आप सोचते हैं कि जल्दी से ये खत्म हो और आगे बढ़े। ‘ब्रीद: इनटू द शैडोज 2’ के एडिटिंग टेबल पर भी मेहनत कम दिखती है और अगर इस पर काम किया जाता तो अपने आप ही लंबाई पर भी काबू पाया जा सकता था। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बांधे रखने में कामयाब नहीं दिखता है, हालांकि ऐसा नहीं है कि ये बुरा है, लेकिन ग्रिप्ड नहीं है। वहीं पूरी सीरीज में ऐसे डायलॉग्स या ऐसा कोई बहुत हटकर सीन नहीं हैं, जो बतौर दर्शक आपको सीरीज देखने के बाद भी याद रहे।
देखें या नहीं: कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अगर आपने ‘ब्रीद: इनटू द शैडोज’ देखा था और आपके भी मन में कुछ सवाल रह गए थे तो ‘ब्रीद: इनटू द शैडोज 2’ को देखा जा सकता है। वहीं इस सीरीज का तीसरा पार्ट आएगा या नहीं, ये भी आपको वेब सीरीज देखने के बाद ही पता लगेगा।