Home खास खबर अपने जन्म दिवस के अवसर पर रक्तदान कर सुमित राउत ने दिया मानवता का संदेश

अपने जन्म दिवस के अवसर पर रक्तदान कर सुमित राउत ने दिया मानवता का संदेश

2 second read
Comments Off on अपने जन्म दिवस के अवसर पर रक्तदान कर सुमित राउत ने दिया मानवता का संदेश
0
220

पीड़ित मानवता की सेवा का अनेक रूप हो सकता हैं।लेकिन जब बात रक्तदान की हो तो अन्न,वस्त्र,श्रम और आर्थिक दान उसके सामने तुच्छ हो जाते हैं।रक्तदान से सरोकार रखने वाले महादानी जाती,धर्म और संप्रदाय के साथ अमीर-गरीब का भेद नहीं जानते।क्योंकि समय पर किसका रक्त किसे चढ़ाया जा रहा हैं, यह कोई नहीं जानता।रक्त का कतरा-कतरा संजीवनी हैं।जब तक सांस तब तक आस को यह रेखांकित करता हैं।
स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार, प्रदीप कुमार नायक को एक विशेष भेंट में इन्हीं आत्मीय संस्कार के लिए माँ अन्नपूर्णा रक्त रक्षक,मधुबनी जिला जयनगर के संस्थापक, पत्रकार सह समाजसेवी सुमित कुमार राउत ने कहाँ कि मैंने पिछले दिनों अपने जन्मदिन के अवसर पर 43 वीं बार रक्तदान किया।जिले के बासोपट्टी निवासी एक पत्रकार की आँटी को कैंसर के इलाज के क्रम में रक्त की आवश्यकता पड़ी।यह जानकारी जब मुझे किसी माध्यम से मिली तो मैंने तुरंत उस पीड़ित परिवार से सम्पर्क कर मदद का पूरा भरोसा दिया।फिर मैंने स्वयं दरभंगा के शुक्ला ब्लड बैंक के ब्लड बैंक में जाकर उक्त मरीज के लिए रक्त दिया।तत्पश्चात उस मरीज को और जरूरत होने पर छह यूनिट प्लेटलेट्स एवं दो यूनिट रक्त भी डोनर कार्ड के माध्यम से दिलवाया।
उन्होंने कहाँ कि मैं बराबर रक्तदान करता रहा हूं।मैं चाहता हूं कि नई पीढ़ी इस रक्तदान में आगे आए, लोगों की मदद करे और रिकॉर्ड बनाएं।लोगों की जिंदगी बचाकर मुझे जो खुशी मिलती हैं, उसे मैं बयां नहीं कर सकता।एकबार रक्तदान तीन लोगों की जिंदगियों को बचा सकता हैं।आपके द्वारा किया गया रक्तदान किसी की जिंदगी बचा सकता हैं।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि रक्तदान के लिए धन या ताकत की जरूरत नहीं होती हैं।
रक्तदान महादान होता है धीरे-धीरे लोग इसका महत्व समझने लगे हैं, और रक्तदान के प्रति जागरूकता का माहौल भी देखने को मिल रहा है। फिर भी बहुत सारे जिनको अभी रक्तदान करने से डर लगता है, तो हमारा कर्तव्य है कि उन्हें जागरूक करें। यह भावना जन-जन तक पहुंचानी चाहिए कि रक्तदान महादान है। इससे लाखों लोगों की जिंदगी बच सकती है। सुमित कुमार राउत ने बताया कि रक्तदान को ले एक माँ अन्नपूर्णा सेवा समिति के बैनर तले माँ अन्नपूर्णा रक्तरक्षक नाम से एक समूह बनाया गया है, जिसमें किसी को भी रक्तदान की जरूरत होने पर सम्पर्क कर सकता है। उसे समूह के सदस्य या जान पहचान वाले किसी व्यक्ति को जिस ग्रुप का रक्त की जरूरत होता है, उस ग्रुप का सदस्य रक्तदान करने के लिए स्वयं आगे आते हैं। अभी तक सैकड़ों लोगों को समूह के डोनर कार्ड के माध्यम से रक्त की मदद किया गया है। आगे भी समूह का यही उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों की जिदगी बचाया जाए।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है, जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं, और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षि‍त व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं, तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।
गौरतलब हैं कि इससे पहले वो कई बार रक्तदान शिविर भी आयोजित कर चुके हैं, साथ ही रक्तदान के क्षेत्र में इनका परिवार भी अछूता नही है। इनके परिवार के सदस्यों ने भी कई बार रक्तदान कर चुके हैं।इससे पहले वे 43 बार रक्तदान कर लोगों की जान बचा चुके हैं, साथ ही उन्होंने अपना शरीर भी मरणोपरांत देने की घोषणा कर चुके हैं। बता दें की कोरोना काल मे भी निर्भीक होकर दरभंगा, मधुबनी में जाकर इन्होंने जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्तदान किया हुआ है।
रक्तदान को जीवनदान के बराबर माना गया हैं।रक्तदान करने से न सिर्फ आप दूसरों की जिंदगी बचाते हैं, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती हैं।रक्तदान करने से आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य का चेकअप हो जाता हैं, जिससे शरीर में होने वाली बीमारियों का खतरा पहले से आंका जा सकता हैं।

Load More Related Articles
Load More By nisha Kumari
Load More In खास खबर
Comments are closed.

Check Also

बढ़ सकती है राहुल गांधी की मुश्किलें, 12 अप्रैल को पटना कोर्ट में होना है हाजिर

साल की सजा पाने और संसद की सदस्यता गंवाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें और…