अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने बताया : इससे पहले भी इस मुद्दे पर कई समिति बनी थी लेकिन आजतक उसका कोई नतीजा नहीं दिखा
बिहार सरकार के साथ 10 वर्षों से संविदा पर काम कर रहे बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ (बेएसा) के कर्मचारी, सरकार से अपने नियमितिकरन की मांग की पूर्ती न होने के कारण आज धरना प्रदर्शन का एलान कर दिया।
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ (बेएसा) के जिला अध्यक्ष मनीष ठाकुर का कहना है, ” हमने इससे पहले भी कई बार नियमितिकरन के लिए सरकार से बात की है लेकिन हमे आजतक आश्वाशन के सिवा कुछ नहीं मिला है। इस मामले के लिए आज तक कोई पुख्ता इंतज़ाम नहीं किये गए है। इससे पहले अशोक कुमार की अध्यक्षता में बिहार सरकार द्वारा संविदा कर्मचारी के नियमितिकरन के लिए कुछ स्तरीय समिति बनाई गई थी लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला।”
मनीष ठाकुर का कहना है की इससे पहले 2018 में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने 15 अगस्त को इस बात की घोषणा भी की थी की सभी को सारी सुविधाएं के साथ नियमित भी कर दिया जाएगा, लेकिन लगभग 2 साल बीत जाने के बाद भी आज तक हमारा कुछ नहीं हुआ है।
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ (बेएसा) द्वारा धरना प्रदर्शन के पत्र जारी करने के बाद भी अब तक सरकार के तरफ से इस मुद्दे पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है।
धरना के रूपरेखा जारी करने से पहले जिला अध्यक्ष ने सभी कर्चारियों से इस मुद्दे पर समर्थन की मांग करते हुए लिखा की सभी कार्यपालक सहायकों से आग्रह पूर्वक सूचित करना है कि दिनांक – 08.07.2020 से 17.07.2020 तक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन निर्धारित है। आप सभी साथियों अपनी एकजुटता का परिचय अवश्य देंगे।
इस धरना प्रदर्शन में बेएसा के लगभग 20,000 कर्मचारी धरना प्रदर्शन पर जाने की बात कर रहे है जिसमें से सिर्फ अररिया ज़िले के 460 कर्मचारी है।
बेएसा द्वारा घोषित आंदोलन की रूप रेखा इस प्रकार है :
1. दिनांक-08 से 10 तक काला बिल्ला लगाकर सांकेतिक विरोध
2. दिनांक-11 से 15 तक याद है ना के तहत प्रकार के द्वारा पूर्व में घोषित वादो को सोशल मीडिया एवं कार्यस्थल पर बैनर पोस्टर के माध्यम से पुनः स्मारित किया जाना।
3. दिनांक-16.07.2020 कैंडल मार्च
4.दिनांक-17.07.2020 भिक्षाटन कार्यक्रम
बेएसा के जिला अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने बताया की अगर इस धरना प्रदर्शन के बाद भी सरकार हमारी मांग पूरी नहीं करती है तो उस स्थिति में वो अनिश्चितकालीन धरना पर चले जाएंगे।