दिल्ली CM Atishi के खिलाफ FIR, रमेश बिधूड़ी के भतीजे पर भी कार्रवाई; जानें दोनों पर क्या लगे आरोप?
Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली CM आतिशी और रमेश बिधूड़ी के भतीजे के खिलाफ कार्रवाई हुई है। दोनों पर पुलिस ने FIR दर्ज की है। दोनों पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप है।
FIR Against CM Atishi Ramesh Bidhuri Son: दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री आतिशी और रमेश बिधूड़ी के बेटे के खिलाफ FIR दर्ज की है। कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में गोविंदपुरी इलाके में हुए हंगामे को लेकर यह कार्रवाई हुई है। दोनों पर पुलिस ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। आतिशी के समर्थकों पर भी केस हुआ है।
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि आतिशी के समर्थकों ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी की। खुद को चुनाव आयोग कर्मी बताकर भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी के भतीजे का रास्ता रोका था। क्रॉस कार्रवाई करते हुए रमेश बिधूड़ी के भतीजे के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। वहीं दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री आतिशी और अरविंद केजरीवाल ने रिएक्ट किया है। दोनों ने ट्वीट करके दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए।
आतिशी और केजरीवाल ने अपनी भड़ास निकाली
आतिशी ने ट्वीट लिखा कि दिल्ली पुलिस ने कल देर रात अवैध तरीके से 2 युवाओं को हिरासत में ले लिया, जो चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्टिंग कर रहे थे और वीडियो बना रहे थे। उल्लंघन करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करने वालों पर एक्शन ले लिया। दिल्ली में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का इरादा है, पर चुनाव आयोग भी गजब है। रमेश बिधूड़ी के परिवार के सदस्य खुले-आम आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। उन पर कोई एक्शन नहीं। मैंने शिकायत करके पुलिस और ECISVEEP को बुलाया तो इन्होंने मेरे ऊपर केस दर्ज कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार जवाब दें कि वे चुनावी प्रक्रिया की कितनी धज्जियां उड़ाएंगे।
वहीं अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट लिखा कि खुले आम हो रही गुंडागर्दी के खिलाफ शिकायत करने पर दिल्ली की मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव आयोग ने पुलिस केस कर दिया तो अब दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग का यह ऑफिशियल स्टैंड है। दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग का काम आम आदमी पार्टी के खिलाफ खुद गुंडागर्दी करना, भाजपा की गुंडागर्दी को संरक्षण देना है और दारू-पैसे और सामान बंटवाना है। यदि कोई उन्हें यह काम करने से रोकेगा तो उस पर पुलिस और चुनाव आयोग के काम में बाधा डालने का केस किया जाएगा।