शुक्रवार से लापता, 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का आरोपी विकास दुबे पर इनामी राशि को 25,000 से बढ़ा कर 2.50 लाख कर दी गयी है
बीते शुक्रवार को हुए 8 पुलिसवालों की निर्मम हत्या का दोषी, कुख्यात अपराधी विकास दुबे को छापेमारी की जानकारी देने के आरोप में आज उत्तरप्रदेश राज्य के तीन और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। कानपूर के चौबेपुर थाना के तो सब इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल को, विकास दुबे को छापेमारी की जानकारी देने के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
कानपूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया की निलंबित पुलिसकर्मियों पर शुक्रवार को हुए मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मियों की हत्या का भी मुकदमा दर्ज़ किया जाएगा।
इन सब के पहले चौबेपुर थाना के थाना प्रभारी विनय तिवारी के साथ 4 पुलिसकर्मियों को भी, विकास दुबे को ख़ुफ़िया जानकारी मुहैया कराने के आरोप में निलंबित कर दिया था।
वर्तमान में 30 पुलिसकर्मियों पर जानकारी मुहैया कराने के आरोप में जांच चल रही है।
विकास दुबे पर 60 आपराधिक मुकदमें दर्ज है जिसमें से 20 हत्या और हत्या के प्रयास के केस है और करीब 19 मामले दंगे भड़काने के भी आरोप है।
विकास दुबे के साथी के पुलिस में गिरफ्त में और उससे मिली जानकारी के बाद चौबेपुर थाना के कई पुलिसकर्मी शक के घेरे में आ गए थे। विकास दुबे के साथी ने बताया था की विकास दुबे को छापेमारी की जानकारी थाना के ही किसी पुलिसकर्मी ने पहले ही मुहैया करा दी थी।
इन सब के बीच लोकल पावर के एक कर्मचारी ने बताया की कार्रवाई से पहले ही क्षेत्र में पावर कट करने का आदेश उन्हें ऊपर से जारी कर दिया गया था, जो एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा लगता है। चौबेपुर थाना के थाना प्रभारी जिन्हे निलंबित कर दिया गया है वो शुक्रवार को विकास दुबे के घर पहुंचते ही छापेमारी से पहले फरार ही गए थे।
कानपूर के इंस्पेक्टर जनरल मोहित अग्रवाल ने कहा, “चौबेपुर थाना के सभी कर्मचारी के खिलाफ जांच की जा रही है और पता लगाया जा रहा है की विकास दुबे तक छापेमारी की जानकारी कैसे पहुंची। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
कानून और व्यवस्था के अतिरिक्त महानिदेशक प्रशांत कुमार ने पी टी आई को बताया, “उत्तरप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने विकास दुबे पर इनाम राशि 25,000 से बढ़ा कर 2.50 लाख रुपये कर दी है।”
पुलिस अब इस मामले को जाती के दृष्टि से भी जांच रही है।