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महाराष्ट्र में 17 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कटकर मौत

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शुक्रवार की सुबह औरंगाबाद महाराष्ट्र में 17 प्रवासी मजदूर की एक मालगाड़ी से कटकर मौत हो गयी। रेलवे मंत्रालय का कहना है की ये सारे मजदूर जलना से भुसावल जा रहे थे, जिसकी दूरी लगभग 157 किलोमीटर है और मजदूरों के 4 साथी जो बचे हुए है वो अभी तक सदमे में है जिन्हे पुलिस द्वारा सलाह दी जा रही है। एक और मजदूर जो बुरी तरह घायल है उसका निकटतम अस्पताल में इलाज चल रहा है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोक्षदा पाटिल ने बताया की पुलिस अभी सदमे में गए मजदूरों को सलाह मशवीरा के दवारा सांत्वना दे रही है और जैसे ही वो थोड़ा ठीक महसूस करते है उसके बाद ही उनसे घटना से सम्बंधित जानकारी के बारे में उनसे वार्तालाप किया जा सकेगा।

पुलिस ने बतया की ये सारे मजदूर पैदल ही अपने राज्य मध्यप्रदेश की ओर जा रहे थे, सड़क का रास्ता पता न होने के कारण वो रेलवे ट्रैक की सीध में चल रहे थे और जब चलते चलते थक गए तो वो रेलवे ट्रैक पर ये समझ कर सो गए की रेलवे परिचालन ठप है। इसी बीच सुबह के 5 बजकर 15 मिनट पर एक मालगाड़ी उसी ट्रैक पर से गुजर गयी जिसका मजदूरों को गहरी नींद में होने के कारण बिलकुल भी भनक नहीं लगी और उनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी।

रेलवे ट्रैक पर इस घटना के बाद मजदूरों के सामन बिखरे पड़े थे और उनकी रोटी जो वो रास्ते में खाने के लिए रखे थे वो भी ट्रैक पर पड़ी मिली। रेलवे मंत्रालय ने ट्वीट कर ये जानकारी दी की ट्रेन के ड्राइवर ने ट्रेन रोकने की कोशिश की थी लेकिन वो विफल रहा।

रेलवे मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा की, ” सुबह जब मालगाड़ी के लोको पायलट ने जैसे ही मजदूरों को रेलवे ट्रैक पर सोते हुए देखा, उसने तुरंत ट्रेन रोकने की अपनी पूरी कोशिश की लेकिन वो विफल रहा और ट्रेन उनके ऊपर से गुजर गयी। ये हादसा बदनापुर और कर्माद स्टेशन के बीच परभणी मनमाद जगह के आसपास हुआ। घायलों का इलाज औरंगाबाद अस्पताल में चल रहा है। जांच के आदेश दे दिए गए है।”

प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, “औरंगाबाद के दर्दनाक रेलवे हादसे की खबर से मैं काफी पीड़ा का अनुभव कर रहा हूँ। मैंने रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल जी से बात की है और वो इस घटना पर अपनी करीबी नज़र बनाये हुए है। अभी हर संभव मदद दी जा रही है।”

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा की वो इस घटना से आहत है और उन्होंने भी रेल मंत्री पीयूष गोयल से इस घटना के सम्बन्ध में बातें की है एवं उन्होंने मजदूरों के परिवारों के लिए 5 लाख के मुआवजे का भी एलान किया।

केंद्र सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रैन चलाये जाने के बावजूद कई मजदूर अपने आप ही पैदल अपने घर की ओर अभी भी जा रहे है। इन सब को देखते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये एलान किया है की उनकी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है की कोई भी मजदूर दिल्ली जैसे किसी भी बड़े शहर से पैदल न आए, उनके लिए जरूरी परिवहन का इंतजाम किया जाएगा।

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