
इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, सभी तीजों में हरतालिका तीज सबसे महत्वपूर्ण है। इस साल हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 53 मिनट से सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक था! इसकी अवधि लगभग 2 घंटे 36 मिनट था! वहीं, तीज पूजा का मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक था! ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज व्रत एक बार शुरू करने के बाद छोड़ना नहीं चाहिए। हर साल इस व्रत को पूरे विधि-विधान से रखना चाहिए। इस व्रत को सुहागिन महिलाओं रखती हैं। इस दिन महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां और मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी सुहाग का प्रतीक है।