पीड़ित मानवता की सेवा का अनेक रूप हो सकता हैं।लेकिन जब बात रक्तदान की हो तो अन्न,वस्त्र,श्रम और आर्थिक दान उसके सामने तुच्छ हो जाते हैं।रक्तदान से सरोकार रखने वाले महादानी जाती,धर्म और संप्रदाय के साथ अमीर-गरीब का भेद नहीं जानते।क्योंकि समय पर किसका रक्त किसे चढ़ाया जा रहा हैं, यह कोई नहीं जानता।रक्त का कतरा-कतरा संजीवनी हैं।जब तक सांस …