मुजफ्फरपुरः पुण्यतिथि पर साहित्य भवन में बाबा नागार्जुन को दी गई श्रद्धांजलि नागार्जुन की साहित्यिक संवेदना कबीर और निराला की परंपरा की है। अल्हड़, फक्कड़ और बेबाक नागार्जुन की रचनाएं सत्ता और सामंतवाद के खिलाफ आवाज उठाती हैं व उनसे तीखे सवाल करती है। व्यंग उनके व्यक्तित्व में स्वभावतः सम्मिलित था। कांटी नगर परिषद स्थित साहित्य भवन में बैद्यनाथ मिश्र …