बिहार के ये सांसद क्यों नहीं ले पाए भोजपुरी में शपथ? सियासी गलियारों में उठ रहे कई सवाल 18वीं लोकसभा का पहला दिन भाषाई और सांस्कृतिक विविधता का सजीव प्रमाण था. विभिन्न भाषाओं में शपथ लेने से न केवल भारतीय लोकतंत्र की विविधता का प्रदर्शन हुआ, बल्कि यह भी साबित हुआ कि भारत की संसद विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों का …