त्रासदी में ध्वस्त सड़क का नहीं हुआ निर्माण
एक तरफ सरकार ग्रामीण क्षेत्र के हर गली-मोहल्ले में पक्की सड़कों का निर्माण कर यातायात व्यवस्था को सुगम कर रही है तो दूसरी तरफ कुसहा त्रासदी में ध्वस्त सड़क का अब तक निर्माण नहीं कराया गया है। इसके कारण आज भी लोग क्षतिग्रस्त सड़क से आवागमन करने को विवश हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि 2008 में आयी कुसहा त्रासदी में प्रखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तबाही मचायी थी। कई पुल-पुलिया और सड़क ध्वस्त हो गए थे। कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे। इसमें अभी भी पानी जमा रहता है। कई जगह सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण कराया गया लेकिन लक्ष्मीपुर खूंटी और छातापुर के बीच में पड़ने वाली ग्रामीण सड़क आज भी क्षतिग्रस्त है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की मरम्मत कराने के लिए कई बार विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि खासकर बरसात के मौसम में ग्रामीणों के समक्ष आवागमन की समस्या खड़ी हो जाती है। मरीजों को पीएचसी तक ले जाने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ती है।
अधिकारी व जनप्रतिनधि बने हैं उदासीन: ग्रामीणों ने कहा कि कई बार क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत कराने के लिए विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को आवेदन दिया गया। लेकिन अब तक सड़क की मरम्मत कराने के लिए किसी ने भी ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा।
लक्ष्मीपुर खुंट व छातापुर के बीच पड़ने वाली क्षतिग्रस्त ग्रामीण सड़क।
स्रोत-हिन्दुस्तान