इस वर्ष बिहार में महापर्व छठ के दौरान डूबने से कुल 58 लोगों की मौत हुई
महपर्व छठ के दौरान पूरे राज्य में नदियों, तालाबों और पोखरों में डूबने से 58 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा 27 लोगों की मौत कोसी, सीमांचल व पूर्व बिहार में हुई। उत्तर बिहार और मिथिलांचल में 13 लोगों की जान चली गई जबकि दक्षिण और मध्य बिहार में 18 लोग डूब गए। इनमें पटना जिले के भी चार लोग शामिल हैं। मृतकों में अधिकतर बच्चे हैं। सभी की मौत अघ्र्य देने के दौरान या तालाब-पोखरों के निर्माण के दौरान डूबने से हुई। भागलपुर और खगड़िया में पांच-पांच जबकि कटिहार और पूर्णिया में चार-चार लोगों की जान चली गई। वहीं मधेपुरा और सहरसा में तीन-तीन तथा लखीसराय, जमुई और बांका में एक-एक मौत हो गई। दूसरी ओर वैशाली जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में छह लोगों की मौत हो गई। इनमें एक युवक और पांच बच्चे शामिल हैं।
वहीं, बेगूसराय के साहेबपुरकमाल थाना क्षेत्र के न्यू जाफर नगर में छठ घाट पर स्नान के दौरान दो बच्चों की मौत हो गई। जबकि, मंझौल में बूढ़ी गंडक नदी किनारे एक अधेड़ की डूबने से मौत हो गई। वहीं, मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चिलमिल में एक युवक की मौत हो गई। उधर, बोधगया में महुड़र गांव स्थित जमुनईया नदी में डूबने से किशोर की मौत जबकि बाराचट्टी ससुराल आए युवक की आहर में डूबने से जान चली गई। रोहतास जिले में भी डूबने से दो बच्चों की जान चली गई। भोजपुर के सहार के बड़ुई में सोन नदी में नहाने के दौरान एक युवक डूब गया। जबकि अरवल में सोन नदी में एक युवक की डूब गया। उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर में पांच लोग डूब गए जबकि समस्तीपुर, दरभंगा और पूर्वी चंपारण में दो-दो लोगों की जान चली गई।
स्रोत-हिन्दुस्तान