
सुपौल के सदर अस्पताल में 201 नंबर कमरा मैं दुनिया को संक्रमित महामारी करुणा जो चीन से निकलकर सारी दुनिया में के देशों में अपनी पार फैलाते हुए हर एक जीव सांस तक पहुंचने का प्रयासरत है उन रोग के लक्षण को देखते हुए रोक करने का सही उपचार के लिए अलर्ट स्लीप वार्ड का गठन किया गया जिसमें 5 बेड शीशे से घिरे हुए कमरा खेल की और स्वच्छ कपड़े दवाइयां हाथ धोने के लिए डिटॉल साबुन प्रेषण का व्यवस्था की गई है जिसके तहत सुपौल सदर अस्पताल में डॉक्टर भी नकाबपोश दस्ताने के साथ मर्जन सी वार्ड में अपने कार्य पर डटे डॉक्टर BN Bharti जी ने दस्ताने और नकाब से अपने गार्ड एवं आए पेशेंट को अवगत कराया इस महामारी वायरस से छुआछूत से बचने के लिए नकाब दस्ताना और टोपी से लेस होकर ही घर से बाहर निकले जब सदर अस्पताल के ए एम सी ओ से पूछा गया कि सर आपके यहां करोना के लेकर जो व्यवस्था की गई है उसमें क्या सब व्यवस्था उपलब्ध है उनकी जुबानी कहां गया यहां तो पूर्ण दवाई का व्यवस्था उपलब्ध है एन टी बाय ट्रिक दवाइयां एवं इंजेक्शन मास टोपी दस्ताने नए कपड़े भी प्रयोग मात्रा में अभी तक सरकार के द्वारा कराई है यथोचित हम लोग एक सिलेब वार्ड का व्यवस्था कर दिए हैं आगे सरकार की जो आदेश हो गी वह हम पालन करेंगे लेकिन बिहार सरकार को भी चाहिए ऐसी महामारी में जल्द से जल्द दवाई के साथ साथ सुपौल सदर अस्पताल में डॉक्टर नर्स और कंपाउंडर की बहाली और सरकारी सी टी एस्कें भी उपलब्ध नहीं है जो कुछ उपलब्ध है वह पूर्णता हम व्यवस्था में लाने का कार्य कर रहे हैं यह seemanchal live come के मीडिया रिपोर्टर से मौखिक बातचीत के क्रम कहा गया यह प्रभारी ऑफिस रॉकी जवानी है जो मैं इसमें संकलन नहीं कर रहा हूं जो अभी तक पूर्ण रूप से उपलब्ध है संक्रमित वायरस छुआछूत से बन चुका करोना के लिए उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है अगर कोई पेशेंट शंका बस प्राप्त होता है l अभी तक भी सुपौल सदर अस्पताल बहुत लंबी चौड़ी खड़ी कर दी गई है लेकिन कोई भी कार्य की पूर्ण से व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पा रही है यह डॉक्टरों एवं कर्मी कैमरा में बोलने से भागते हैं लेकिन मुझे अपने वाचित के कर्म में दिल के बात और एक रोज पहले मुंबई से आए हुए एक बच्चा जिससे अफवाहों के दौर में करोना के माध्यम से गिरफ्त किया गया उसे दरभंगा रेफर कर दिया गया उसे बाद में करोना मुक्त पाया गया यह डीएसओ अरुण कुमार वर्मा की जुबानी है इतनी बड़ी महामारी को देखते हुए जिले में ना किसी पदाधिकारी मास लगाकर रहते हैं ना सफाई व्यवस्था की व्यवस्था है पूर्ण गंदगी ओं से घिरा हुआ सदर अस्पताल यहां सुपौल में किसी भी बीमारी से अवगत क्यों ना हो पेशेंट उसे भगवान भरोसे और दरभंगा एम डी एस एच एवं पटना पीएमसीएच पर ही निर्भर होकर राणा पड़ता है गरीब परिवार के पेशेंट को दलालों के चक्कर में सरकारी एंबुलेंस भी प्राप्त नहीं हो पाता है जिसके तहत उसे कर्ज में डूबने और प्राइवेट एंबुलेंस एवं प्राइवेट अस्पताल में लूटा जाता है इस बात पर सरकार को चाहिए कि अपना ध्यान दे
जिला सदर अस्पाल सुपौल के AMCO, इंद्रजीत प्रसाद
,MDCS, सदर अस्पताल सुपौल, डाक्टरअरुण कुमार वर्मा
, डॉक्टर बी एन भारती सदर अस्पताल सुपौल
रिपोर्ट–;, गोपाल कुमार झा; सुपौल