छातापुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में कीचड़मय व जर्जर सड़कों ने विकास की पोल खोल कर रख दी है। शुरुआती बरसातों में पंचायत की कच्ची सड़क किसी योग्य नहीं रहती है। क्षेत्र की कच्ची सड़क पर बने गड्डे और गड्डे में भरा पानी राहगीरों के लिए परेशानी का उत्पन्न कर रही है। आजादी के बाद से अब तक पक्की सड़क की आस में बैठी है जनता परंतु , छातापुर प्रखंड अंतर्गत लक्ष्मीनियाॅं पंचायत पारियाही नाहर से हजारों महादलित बस्ती जाने वाली एक सड़क नीतीश सरकार के शासनकाल में पूरा नहीं हो पाया है। ग्रामीणों का कहना है गांव को अभी तक पक्की सड़क नसीब नहीं हुई है।हजार से अधिक की आबादी वाले गांव के ग्रामीण इस सड़क पर चलने के लिए विवश है। गांव का मुख्य सड़क से संपर्क कर रही रहने के कारण लोगों में गुस्सा पनप रहा है। सैकड़ों लोगों का प्रतिदिन इसी दलदल ,कीचड़ से आना जाना होता है। सबसे ज्यादा कष्ट बीमारों अस्पताल ले जाने तथा बच्चों को स्कूल जाने में होता है।
सरकार हर टोले-मोहल्ले को मुख्य सड़क से जोड़ने के करने में लगी है। एक भी टोला का संपर्क मुख्य सड़क से ना छूटे इसके लिए प्रखंड से जिला स्तर तक बार-बार योजनाएं बनाई जाती है। इस योजनाओं के तहत छोटी बसावट वाले गांवों को सड़क संपर्क से जोड़ने का लक्ष्य केंद्र व राज्य सरकारों का है। इसके बावजूद इस पंचायत का विकास अधूरा है।