पार्किंग नहीं, सड़क पर लगते हैं वाहन
शहर के सभी प्रमुख सड़कों पर अतिक्रमण यात्रियों की राह रोक रहा है। इसकी मुख्य वजह न सिर्फ दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण बल्कि अवैध पार्किंग भी है। कभी-कभार प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान तो चलाया जाता है लेकिन अवैध पार्किंग की ओर ध्यान नहीं जाता है। इसके चलते शहर में जाम से वाहन चालक और राहगीर परेशान रहते हैं।
वाहन मालिकों का कहना है कि शहर में कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण मजबूरी में सड़क किनारे छोटे-बड़े वाहनों को लगाकर काम निपटाते हंै। अवैध पार्किंग के खिलाफ अभियान तब सफल होगा जब शहर में प्रशासन द्वारा पार्किंग की व्यवस्था कराई जाएगी।
कनेक्टिविटी के नाम पर सड़क पर उतारे गए हजारों ई रिक्शा भी अब जाम का सबब बन रहे हैं। सड़कों पर ई रिक्शा चालकों की मनमानी चलती है। सभी चौक-चौराहों पर ई रिक्शा चालक सड़क पर ही वाहन खड़ा कर सवारी का इंतजार करते हैं। ई-रिक्शा इस तरह खड़े रहते हैं कि इनसे पूरे सड़क पर यातायात प्रभावित होता है।
शाम में पैदल चलना भी होता है मुश्किल: शहर के पटेल चौक से स्टेशन चौक जाने वाली रोड में अवैध पार्किंग से शाम में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। जहां-तहां टेम्पो चालक टेम्पो खड़ा कर देते हैं। कभी-कभार तो सड़क पर ही टेम्पो खड़ा कर सवारी को चढ़ाते और उतारते हैं। मछली हाट के पास लोग गाड़ी पार्क कर मीट-मछली खरीदते हैं। ऐसे में अगर चार पहिया वाहन आ जाए तो निकलने के लिए जगह नहीं बचती है। इस कारण इस रोड में शाम में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
सदर अस्पताल गेट पर अवैध पार्किंग: सदर अस्पताल परिसर के मुहाने पर टेम्पो और चार पहिया वाहन खड़े किए जाते हैं। इससे दिनभर सड़क काफी संकीर्ण हो जाती है। कभी-कभार तो ई रिक्शा वाले भी आड़े-तिरछे वाहन लगा देते हैं। इससे इमरजेंसी में एंबुलेंस को भी निकलने में दिक्कत होती है। लेकिन सदर अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्ड को इससे कोई लेना-देना नहीं है। परिसर की सुरक्षा के बजाय सुरक्षा गार्ड इधर-उधर घूमते रहते हैं। इसका खामियाजा इलाज कराने आए लोगों को भुगतना पड़ता है।
स्रोत-हिन्दुस्तान