खेल डेस्क. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एथिक्स अधिकारी डीके जैन ने शनिवार को पूर्व कप्तान कपिल देव की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को हितों के टकराव के मामले में नोटिस भेजा है। सीएसी ने ही पिछले महीने रवि शास्त्री को टीम इंडिया का मुख्य कोच बनाया था। सीएसी में कपिल देव के अलावा शांता रंगास्वामी और अंशुमान गायकवाड़ हैं। जैन ने समिति सदस्यों से 10 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। नोटिस मिलने के बाद रंगास्वामी ने पद से इस्तीफा दे दिया।
नोटिस के बाद शास्त्री की नियुक्ति की जांच हो सकती है
सीएसी को नोटिस मिलने के कारण रवि शास्त्री की नियुक्ति भी जांच के दायरे में आ सकती है। माना जा रहा है कि जांच के बाद बीसीसीआई को उन्हें फिर से कोच नियुक्त करना पड़ सकता है। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बोर्ड के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘डीके जैन ने अगर हितों के टकराव में सीएसी को दोषी पाया तो शास्त्री को अनावश्यक रूप से सभी प्रक्रियाओं से दोबारा गुजरना होगा। इससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।’
‘सीएसी ही भारतीय टीम का कोच चुन सकता है’
उन्होंने कहा, ‘सीएसी के दोषी पाए जाने पर एक नई कमेटी का गठन किया जाएगा। इससे कोच की नियुक्ति की प्रक्रिया दोहरानी होगी। बोर्ड के नए संविधान के मुताबिक, सिर्फ सीएसी ही भारतीय टीम के कोच का चयन कर सकता है।’ शास्त्री पहली बार 2017 में टीम इंडिया के कोच बने थे। इसके बाद पिछले महीने की 16 तारीख को उन्हें फिर से कोच बनाया गया था। उनका कार्यकाल 2021 तक है।
मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के संजीव गुप्ता ने शिकायत की
मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता ने सीएसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने शिकायत में कहा कि कोच चुनने वाली कमेटी के सदस्य एक साथ कई भूमिकाएं निभा रहे हैं। कपिल देव सीएसी के प्रमुख होने के साथ कॉमेंटेटर, एक फ्लडलाइट कंपनी के मालिक और भारतीय क्रिकेटर्स संघ के सदस्य हैं। दूसरी ओर, गायकवाड़ एक एकेडमी के मालिक होने के साथ बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त समिति के सदस्य भी हैं। गुप्ता के मुताबिक, शांता रंगाास्वामी सीएसी में होने के साथ आईसीए में भी शामिल हैं।
Source: Dainik Bhaskar