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माॅनसून के कारण लाइट आरओबी का निर्माण कार्य अटका

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माॅनसून के कारण लाइट आरओबी का निर्माण कार्य अटका

माॅनसून की वजह से गंगजला चौक रेलवे फाटक संख्या 32 पर लाइट आरओबी निर्माण कार्य अटका है.

सहरसा. माॅनसून की वजह से गंगजला चौक रेलवे फाटक संख्या 32 पर लाइट आरओबी निर्माण कार्य अटका है. निर्माण कार्य की रफ्तार काफी सुस्त हो गयी है. रेल सूत्रों के मुताबिक, बारिश की वजह से मेटेरियल समय पर नहीं पहुंच रहा है. वहीं पानी जमा होने के कारण लोहे का ग्रिल डालने में भी बाधा उत्पन्न हो रही है. जिस वजह से निर्माण कार्य कछुए की चाल पर चल रही है. हालांकि, रेल अधिकारियों का दावा है कि माॅनसून के बाद निर्माण कार्य तेज गति पर होगा.

 

अक्तूबर तक इसे हर हाल में पूरा कर देना है. यहां बता दें कि लाइट आरओबी अप्रैल तक हर हाल में निर्माण कार्य पूरा कर लेना था. मई महीने में आवाजाही शुरू करनी थी. बीते 7 जनवरी को रेल विभाग के आईओडब्लू ने लाइट आरओबी निर्माण का लेआउट कार्य एजेंसी को देने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया था. उस दौरान भी गड्ढा खोदने का काम चल रहा था, लेकिन ट्रैफिक अंडरग्राउंड केबल व ढलान की वजह से निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही थी. माॅनसून से पहले निर्माण कार्य पूरा कर देना था. ताकि मई महीना से लाइट आरओबी आवाजाही शुरू हो जायेगी. इसके निर्माण कार्य से फिलहाल जाम की समस्या से काफी हद तक शहर वासी को निजात मिल सकेगी. हालांकि इस पर दुपहिया वाहनों की ही आवाजाही होगी.

 

सी टाइप का होगा लाइट आरओबी यहां बता दें कि लंबे अरसे से शहरवासी जाम की समस्या से जूझ रहे हैं. बंगाली बाजार में ओवरब्रिज निर्माण का मामला अभी भी फंसा है. जाम से निजात के लिए रेलवे ने गंगजला चौक पर लाइट आरओबी निर्माण कार्य का प्रस्ताव वर्ष 2021 में तैयार किया गया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने भी निर्माण के लिए रेलवे को एनओसी दे दी. करीब 4 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य होना है. यू टाइप का लाइट आरओबी का निर्माण होना है. 125 मीटर होगा लंबा लाइट आरओबी 125 मीटर लंबा होगा और ढाई से तीन मीटर चौड़ा होगा. रेल अधिकारियों की मानें तो इसे 2 से 3 इस महीने में निर्माण कार्य पूरा करने का टारगेट है. वहीं वर्तमान में धीमी गति से निर्माण कर चल रहा है. 15 अगस्त पर सहरसा और सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर लहरायेगा 100 फीट ऊंचा तिरंगा प्रतिनिधि, सहरसा.

 

इस बार स्वतंत्रता दिवस पर अमृत भारत स्टेशनों पर रेलवे की विशेष तैयारी होगी. 15 अगस्त पर इस बार 100 फीट ऊंचा तिरंगा सर्कुलेटिंग एरिया में लहरायेगा. डिवीजन के जिन रेलवे स्टेशनों पर अमृत भारतीय योजना के तहत निर्माण कार्य चल रहा है. उन एजेंसियों को सर्कुलेटिंग एरिया का वर्क 15 अगस्त से पहले पूरा करने का निर्देश दिया गया है. ताकि सर्कुलेटिंग एरिया में तिरंगा झंडा स्वतंत्रता दिवस पर फहराया जा सके. वहीं सहरसा और सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में ध्वज दंड लगा दिया गया है. 15 अगस्त को हैंड ओवर कर सकती है एजेंसी अमृत भारत योजना के तहत समस्तीपुर डिवीजन के कई महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर नये भवन का निर्माण कर चल रहा है.

 

सहरसा जंक्शन पर तीन मंजिल भवन का निर्माण कराया जा रहा है. निर्माण कार्य ओम कंस्ट्रक्शन करवा रही है. ग्राउंड फ्लोर लगभग तैयार हो चुका है. 15 अगस्त को ग्राउंड फ्लोर का कार्य पूरा कर एजेंसी रेलवे को हैंड ओवर कर सकती है. इस संदर्भ में रेल अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. यहां बता दें कि 15 अगस्त तक भवन पूरा करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया था. लेकिन कंस्ट्रक्शन विभाग के माने तो माॅनसून की वजह से निर्माण कार्य पर थोड़ा असर पड़ा है. कहां-कहां लहरायेगा तिरंगा समस्तीपुर डिवीजन के अंतर्गत जिन स्टेशनों पर अमृत भारत योजना के तहत स्टेशनों का पुर्नविकास किया जा रहा है. वहां स्वतंत्रता दिवस पर सर्कुलेटिंग एरिया में 100 फीट ऊंचा तिरंगा लहरायेगा. जिसमें सहरसा जंक्शन, सिमरी बख्तियारपुर, मधेपुरा, बनमनखी, सलोना आदि स्टेशन शामिल है. माॅनसून ने लगायी छावनी निर्माण कार्य पर ब्रेक सहरसा. माॅनसून की वजह से सहरसा जंक्शन पर छावनी निर्माण कार्य पर ब्रेक लग गया है. शायद इसलिए कछुए की गति से सहरसा जंक्शन के प्रत्येक प्लेटफाॅर्म पर छावनी निर्माण कार्य चल रहा है. निर्माण कार्य की रफ्तार इतनी धीमी है कि कभी कंस्ट्रक्शन विभाग द्वारा काम होता है तो कभी बंद कर दिया जाता है.

 

 

वैसे तो यह योजना काफी पुरानी है. लेकिन जब निर्माण कार्य शुरू कराया गया तो इसकी रफ्तार बेहद सुस्त है. निर्माण कार्य देखकर ऐसा लगता है यह 3 साल में भी पूरा नहीं होगा. दरअसल काफी पुरानी योजना पर वर्ष 2024 जनवरी महीने मे रेलवे की नींद खुली थी. धूप और बारिश से बचाव के लिए जंक्शन के प्रत्येक प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों को बैठने के लिए यात्री शेड यानि पीपी शेल्टर लगाने का काम फरवरी महीने में शुरू किया गया था. लेकिन 4 महीने बीतने के बाद भी निर्माण कार्य की रफ्तार काफी धीमी है.

 

छावनी का डिजाइन सामान्य यात्री शेड की अपेक्षा नया निर्मित यात्री शेड बेहद खास होगा. अब तक प्लेटफाॅर्म पर जो पी शेल्टर लगाये गये हैं, सिंगल पाया पर है. नया पीपी शेल्टर डबल पाया पर आधारित होगा जिसमें दोनों तरफ से यात्री बैठ सकेंगे. फिलहाल प्रत्येक प्लेटफाॅर्म पर निर्माण कार्य शुरू कराया गया है. वर्ष 2025 तक बनकर होना है तैयार करीब एक करोड़ की लागत से सहरसा जंक्शन के प्लेटफाॅर्म नंबर 2, 3, 4 और 5 पर पीपी शेल्टर लगाने का काम चल रहा है. महनार इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को पूरे वर्क की जिम्मेदारी दी गयी है. कंस्ट्रक्शन विभाग की मानें तो 18 महीने में सभी प्लेटफाॅर्म पर पीपी शेल्टर बनकर तैयार होगा. इनमें प्लेटफाॅर्म नंबर एक शामिल नहीं है. सिर्फ प्लेटफाॅर्म नंबर दो, तीन, चार और पांच पर पीपी शेल्टर लगाने की योजना है. 16 मीटर होगा लंबा प्लेटफाॅर्म नंबर 4 और 5 पर पीपी शेल्टर लगाने का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है जो की 16 मीटर लंबा और 12:30 मीटर चौड़ा होगा. प्लेटफाॅर्म नंबर चार और पांच पर तीन से चार यात्री पीपी शेल्टर लगाये जायेंगे.

 

 

3 साल पुरानी है योजना सहरसा जंक्शन के प्रत्येक प्लेटफाॅर्म पर पीपी शेल्टर लगाने की योजना 3 साल पहले ही बनायी गयी थी. इसके लिए राशि की भी स्वीकृति दी गयी थी. निर्माण कार्य के लिए एजेंसी भी तय कर दी गयी थी. लेकिन किसी कारणवश यह कार्य शुरू नहीं हो सका था. जिससे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. खास कर धूप और बारिश के समय रेल यात्रियों को प्लेटफाॅर्म नंबर तीन और चार पर काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. प्लेटफाॅर्म नंबर 4 और 5 से मानसी, पूर्णिया और सुपौल के लिए पैसेंजर ट्रेन का परिचालन रोजाना किया जाता है. 590 मीटर लंबे प्लेटफाॅर्म पर यात्री शेड का काफी अभाव है. प्लेटफाॅर्म नंबर 3, 4 और 5 पर करीब 300 मीटर भी यात्री शेड नहीं लगे हैं.

 

ऐसे मैं यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वर्तमान स्थिति इस भीषण गर्मी और बारिश में सहरसा जंक्शन पर स्थिति यह है कि धूप और बारिश से बचाव के लिए पर्याप्त यात्री शेड नहीं है. महत्वपूर्ण प्लेटफाॅर्म जहां से वैशाली एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, जनहित एक्सप्रेस, बांद्रा हमसफर एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस, पुरबइया एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन होता है, इन प्लेटफाॅर्म पर 200 से ढाई सौ मीटर तक ही यात्री शेड लगा है. ऐसे में तेज धूप और बारिश से बचने के लिए प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों के लिए कोई भी जगह नहीं बचती.

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